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भूमध्य रेखीय जलवायु प्रदेश क्या है?(Equatorial Climate)

भूमध्य रेखीय जलवायु प्रदेश की स्थिति एवं विस्तार को बताइये। (Situation and Extent)

भूमध्य रेखीय जलवायु प्रदेश क्या है?(Equatorial Climate)

भूमध्य रेखीय जलवायु का विस्तार भूमध्य रेखा के दोनों ओर 10° उत्तरी अक्षांश से लेकर 10° दक्षिणी अक्षांश के मध्य तक फैला हुआ है। इस जलवायु का प्रमुख क्षेत्रीय प्रसार दक्षिण अमेरिका के अमेज़न बेसिन, अफ्रीका में कांगो नदी की घाटी तथा गिनी तटीय क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व एशिया में मलेशिया का अधिकांश भूभाग, फिलीपींस का द्वीपसमूह, मध्य अमेरिका में पनामा, कोस्टा रिका, निकारागुआ, होंडुरास और ग्वाटेमाला के कुछ अंश, पश्चिमी द्वीपसमूहों के कुछ भाग, पश्चिमी कोलंबिया, पूर्वी ब्राज़ील के निम्न तटीय मैदान, एवं पूर्वी मेडागास्कर में देखा जाता है।

भूमध्य रेखीय जलवायु प्रदेशो की वर्षा (Rain) कैसी वर्षा है?

इन क्षेत्रों में वर्षा पूरे वर्षभर होती है और औसत वार्षिक वर्षा लगभग 200 सेमी मानी गई है। यहां की प्रमुख विशेषता है संवाहनिक वर्षा, जो प्रतिदिन दोपहर के उपरांत होती है। किसी भी महीने को शुष्क नहीं माना जा सकता; हालांकि अप्रैल और नवंबर में वर्षा की तीव्रता सर्वाधिक होती है। इस जलवायु का प्रतीकात्मक नगर सिंगापुर है। इस विषुवतीय जलवायु की अत्यधिक आर्द्रता के कारण यह प्रदेश मानवीय दृष्टिकोण से असह्य प्रतीत होता है, यद्यपि सागरीय किनारों पर समुद्री तथा स्थलीय पवनों के प्रभाव से मौसम अपेक्षाकृत मंद रहता है।

भूमध्य रेखीय जलवायु प्रदेश क्या है?(Equatorial Climate)

वायुदाब एवं पवनें (Air Pressure and Winds)

वर्ष भर उच्च तापमान के चलते ये क्षेत्र निम्न वायुदाब पट्टी के अंतर्गत आते हैं, हालांकि दाब प्रवणता अत्यंत क्षीण होती है। इन प्रदेशों में क्षैतिज दिशा में वायु का बहाव न्यून होता है, लेकिन संवहन क्रिया द्वारा ऊर्ध्वाधर गति अवश्य होती है। यहाँ डोलड्रम (Doldrums) अर्थात शांत पवन क्षेत्र विस्तृत रहता है। साथ ही, यहाँ उष्णकटिबंधीय व्यापारिक पवनों का भी प्रवेश होता है, जिनसे चक्रवातीय स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं और इसके परिणामस्वरूप तड़ितझंझा (Thunder Storm) देखने को मिलती है। इन क्षेत्रों के तटीय भागों में समुद्री समीर (Sea Breeze) सक्रिय रहती है, जबकि गिनी तट पर रात्रिकाल में ‘हरमट्टन’ नामक शुष्क वायु चलती है, जो तापमान में कुछ हद तक गिरावट लाती है।

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भूमध्य रेखीय प्रदेश क्या है?

भूमध्य रेखीय प्रदेश पृथ्वी के 0° अक्षांश के समीप स्थित वह महत्वपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र है, जो पृथ्वी के मध्य भाग को दो समान गोलार्द्धों में विभाजित करता है। यह क्षेत्र सामान्यतः उष्णकटिबंधीय कटिबंध में स्थित होता है और इसके अंतर्गत घने वर्षावन, उच्च तापमान, तथा अधिक आर्द्रता पाई जाती है। इस क्षेत्र में सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें वर्षभर पड़ने के कारण तापमान में अत्यधिक परिवर्तनशीलता नहीं होती, जिससे यह क्षेत्र विश्व के अत्यंत महत्त्वपूर्ण जलवायवीय क्षेत्रों में सम्मिलित होता है।

भूमध्यरेखीय वर्षावन की जलवायु कैसी है?

भूमध्यरेखीय वर्षावनों की जलवायु अत्यंत नम, उष्ण, तथा वर्ष भर लगातार वर्षा युक्त होती है। इस प्रकार की जलवायु में तापमान सामान्यतः 25° से 30° सेल्सियस के मध्य रहता है तथा वार्षिक वर्षा 200 से 300 सेंटीमीटर तक हो सकती है। यह जलवायु प्रकार घने पर्णपाती वनों, उष्णकटिबंधीय जैव विविधता, तथा महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों के विकास के लिए अत्यंत उपयुक्त है। यहाँ पर ग्रीष्म व शीत ऋतुओं में स्पष्ट भेद नहीं होता, और मौसम का स्वरूप लगातार समान बना रहता है।

भूमध्यरेखीय जलवायु क्षेत्र क्या है?

भूमध्यरेखीय जलवायु क्षेत्र वह विशिष्ट भौगोलिक विस्तार है जो भूमध्य रेखा के दोनों ओर 5° से 10° अक्षांशों के बीच विस्तृत होता है। इस क्षेत्र में सालभर उच्च तापमान, अधिक आर्द्रता, तथा लगातार संवहनीय वर्षा की स्थिति बनी रहती है। यहाँ की जलवायु संरचना स्थिर वायुदाब, घनी बादलयुक्तता, तथा घने वनों के विकास को प्रोत्साहित करती है। यह क्षेत्र पृथ्वी के सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक पारिस्थितिकीय क्षेत्रों में गिना जाता है।

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