सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र (St. Lawrence Type Climate)

सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र की स्थिति तथा विस्तार (Situation and Extent)

उत्तर अमेरिका की सेंट लारेंस नदी घाटी में विद्यमान होने के कारण इस जलवायु को ‘सेंट लारेंस तुल्य जलवायु’ की संज्ञा दी गई है। यह जलवायु मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्द्ध में 45° से 65° अक्षांशों के मध्य, महाद्वीपों के पूर्वी तटवर्ती क्षेत्रों में पाई जाती है। यद्यपि यह सागरीय सीमाओं के निकट स्थित होती है, फिर भी इसका स्वरूप महाद्वीपीय होता है, क्योंकि यह क्षेत्र पवन छाया में स्थित होते हैं, जिससे समुद्री प्रभाव सक्रिय नहीं हो पाता। इस जलवायु क्षेत्र में कनाडा के सागरीय प्रदेश, संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू-इंग्लैंड क्षेत्र, एशिया के मंचूरिया, कोरिया और उत्तरी जापान, तथा दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटाइना का दक्षिणी भाग सम्मिलित हैं।

सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र (St. Lawrence Type Climate)
सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र (St. Lawrence Type Climate) 2

सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र की जलवायु (Climate)

इस क्षेत्र में ग्रीष्म और शीत ऋतुओं के तापमान में उल्लेखनीय भिन्नता पाई जाती है। गर्मियों में तापमान सामान्यतः 65° फॉरेनहाइट के समीप रहता है, जबकि सर्दियों में यह हिमांक से नीचे चला जाता है, जिससे अधिकांश धरातल हिम से आच्छादित रहता है। सामान्य रूप से वर्ष भर निरंतर वर्षा होती रहती है, परंतु ग्रीष्म ऋतु में शीतकाल की तुलना में अधिक वर्षा होती है। वर्षा की मात्रा तटीय क्षेत्रों से अंतर्देशीय भागों एवं ध्रुवीय दिशाओं की ओर क्रमशः घटती जाती है। उदाहरणस्वरूप, मॉट्रियल में 40.7 इंच, सेंट जोंस में 53.77 इंच, हारविन में 19.3 इंच एवं व्लाडीवोस्टक में 14.7 इंच वर्षा दर्ज की गई है।

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सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र मे वर्षा (Rain)

इस जलवायु में ग्रीष्मकाल में वर्षा की प्रमुखता देखी जाती है। शीत ऋतु के दौरान वर्षा चक्रवातीय गतिविधियों के फलस्वरूप होती है, जो प्रायः हिमपात के रूप में प्रकट होती है। कनाडा के तटीय हिस्से लगभग चार महीनों तक हिमाच्छादित रहते हैं। वर्षा की मात्रा अंतर्देशीय क्षेत्रों एवं ध्रुवीय दिशाओं में निरंतर कम होती जाती है। मौसम की प्रकृति परिवर्तनशील रहती है, जो चक्रवातों एवं प्रतिचक्रवातों से प्रभावित होती है। उत्तरी अमेरिका के भीतरी क्षेत्रों में बर्फीली ‘ब्लिज़ार्ड’ तथा साइबेरिया में ‘बुर्रा’ नामक पवनों के प्रभाव से तापमान अत्यधिक गिर जाता है, जिससे वातावरण अत्यंत कठोर एवं असहनीय बन जाता है। वहीं, झीलों और समुद्र तटों के निकट मृदु जलवायु देखने को मिलती है। लैब्राडोर और पूर्वी एशिया के तटों पर शीत प्रवाहों के प्रभाव से तापमान निम्न स्तर तक पहुंच जाता है।

सेंट लारेंस तुल्य जलवायु क्षेत्र मे वायुदाब एवं पवनें (Air Pressure and Winds)

शीत ऋतु में अंतर्देशीय क्षेत्रों पर उच्च वायुदाब एवं एल्युशियन द्वीपों तथा आइसलैंड पर निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसके कारण भूमि से चलने वाली शीत पवनें प्रवाहित होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में वायुदाब की दिशा में उलटफेर होता है, जिससे समुद्र की ओर से आर्द्र पवनें तटवर्ती क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं। इनका प्रभाव मुख्यतः तटीय भागों तक ही सीमित रहता है।

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