पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु क्षेत्र की स्थिति एवं विस्तार (Situation and Extent)
पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु क्षेत्र का विस्तार उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध में 40° से 65° अक्षांशों के मध्य होता है। इसे प्रायः शीतोष्ण महासागरीय जलवायु अथवा महासागरीय पश्चिमी तटीय जलवायु के नाम से जाना जाता है। उत्तरी अमेरिका में यह जलवायु पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में 60° उत्तरी अक्षांश तक व्याप्त है, जहाँ यह कनाडा और अलास्का की उप-ध्रुवीय जलवायु से सटी हुई मिलती है। यूरोप में इसका विस्तार नार्वे के पश्चिमी तट पर 68° उत्तरी अक्षांश तक पहुँचता है। दक्षिणी गोलार्द्ध में यह जलवायु प्रकार दक्षिण-पश्चिम चिली, ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्वी समुद्री किनारे, तस्मानिया, तथा न्यूज़ीलैंड के द्वीपों में दृष्टिगोचर होता है। इस जलवायु का सर्वाधिक उन्नत विकास ग्रेट ब्रिटेन, उत्तर-पश्चिम फ्राँस, जर्मनी, डेनमार्क, हालैंड, बेल्जियम और नार्वे में पाया जाता है।

पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु क्षेत्र की जलवायु (Climate)
इस क्षेत्र के तापमान पर महासागरीय प्रभाव तथा गर्म समुद्री धाराओं की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान सामान्यतः 15° से 21° सेल्सियस के मध्य होता है। सर्दियाँ अपेक्षाकृत सामान्य होती हैं और गर्म समुद्री धाराओं के प्रभाव से तापमान में धनात्मक विचलन देखा जाता है, अर्थात् अपेक्षा से अधिक तापमान विद्यमान रहता है। उत्तर-पश्चिम यूरोप के समुद्र तटीय भागों में गर्म अटलांटिक प्रवाह के कारण तापमान 11° से 17° सेल्सियस अधिक पाया जाता है।
महासागर के प्रभाव के चलते तटीय क्षेत्रों से आंतरिक भूभाग की ओर तापमान तीव्र गति से गिरता है, जबकि ध्रुवों की ओर तापमान में अपेक्षाकृत कम गिरावट आती है। पश्चिमी यूरोप में जनवरी माह का औसत तापमान 2° से 17° सेल्सियस के मध्य होता है, जबकि महाद्वीपीय आंतरिक क्षेत्रों में यह औसत तापमान 18° से 40° सेल्सियस तक पहुँच जाता है।
पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु क्षेत्र में वर्षा (Rain)
इस जलवायु क्षेत्र में पश्चिमी पवनों और चक्रवातों के प्रभाव से वर्ष भर समुचित वर्षा होती रहती है। यद्यपि वर्षा की मात्रा में स्थानीय विविधताएँ देखी जाती हैं, फिर भी तटवर्ती भागों से भीतर की ओर वर्षा में कमी आती है। स्थानीय स्थलाकृति भी वर्षा को प्रभावित करती है—कहीं यह बढ़ती है तो कहीं घट जाती है।
यूरोपीय मैदानी भागों में वार्षिक वर्षा का औसत 50 से 58 सेमी. तक होता है, जबकि तटवर्ती पर्वतीय ढालों के वायु-अभिमुख भागों में यह 250 से 375 सेमी. तक पहुँच जाती है। एंडीज तथा रॉकी पर्वतमालाओं की वायु-अभिमुख दिशाओं में, चक्रवातों एवं आर्द्र पवन धाराओं के ऊपर उठने से तीव्र वर्षा होती है। उदाहरण स्वरूप, ब्रिटिश कोलंबिया की हेंडर्सन झील में वार्षिक वर्षा 655 सेमी. होती है।
शीत ऋतु में कुहरा, बादल, आंधी और वर्षा की आवृत्ति अधिक रहती है, जिसका प्रमुख कारण इस ऋतु में शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवातों की सक्रियता है।
पश्चिमी यूरोप में लगभग 30 सेमी. वार्षिक वर्षा, जबकि उत्तरी अमेरिका के प्रशांत तटीय पर्वतीय ढालों पर 100 सेमी. से अधिक वर्षा होती है। विमुख ढाल प्रायः वृष्टि छाया क्षेत्र बनाते हैं। हालाँकि इन भागों में वर्षा कम होती है, फिर भी यह पूरे वर्ष समान रूप से वितरित होती है। इन क्षेत्रों में गर्म समुद्री धाराओं के कारण, शीतकाल में समुद्र तट जमते नहीं हैं।
चक्रवातों की सक्रियता के कारण मौसम परिवर्तनशील एवं सुहावना बना रहता है, जबकि यूरेशिया के आंतरिक क्षेत्र अक्सर शीत लहर के प्रभाव में रहते हैं। इस क्षेत्र में आर्द्र पछुआ पवनों से वर्ष भर वर्षा होती है तथा शीत ऋतु में चक्रवातीय वर्षा होती है। साथ ही, मेघाच्छादन और घना कुहरा भी सामान्यतः पाया जाता है।
पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु क्षेत्र में वायुदाब एवं पवनें (Air Pressure and Winds)
इस जलवायु क्षेत्र में पश्चिमी पवनें वर्षभर सक्रिय रहती हैं। चूँकि ये हवाएँ सागर की दिशा से आती हैं, अतः ये नमी से परिपूर्ण होती हैं। साथ ही, यहाँ शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवातों की गतिविधियाँ भी निरंतर सक्रिय पाई जाती हैं।