वायुमंडलीय आर्द्रता से आप क्या समझते है?
वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहा जाता है। यह जलवायु के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। आर्द्रता और वर्षा के बीच परस्पर संबंध होता है। यदि हवा शुष्क होती है, तो यह संघनन की अवस्था तक देर से पहुँचती है और कम वर्षा का कारण बनती है। इसके विपरीत, यदि वायु में प्रचुर नमी होती है, तो यह थोड़े से ऊर्ध्वगमन पर ही संघनित हो जाती है और तेज़ वर्षा उत्पन्न करती है।
वायुमंडलीय जल तीन अवस्थाओं—ठोस, द्रव, तथा गैस—में उपस्थित होता है। जब जल वाष्प के रूप में परिवर्तित होता है, तो इस प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहा जाता है। यदि जल की सतह का तापमान वायु की तुलना में अधिक होता है, तो वाष्पीकरण की दर तेज़ होती है; वहीं दूसरी ओर, वायु का तापमान अधिक होने पर उसकी जलवाष्प अवशोषण क्षमता अधिक होती है। इसके विपरीत, कम तापमान पर वायु की आर्द्रता ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है। वायु के ऊर्ध्वगमन, अवरोहण, क्षैतिज गमन, समुद्र से स्थल और स्थल से समुद्र की दिशा में प्रवाह से इसकी आर्द्रता की मात्रा में परिवर्तन होता है।

आर्द्रता सामर्थ्य (Capacity of Humidity)

किसी निश्चित तापमान पर, वायु के एक निर्धारित आयतन में अधिकतम नमी धारण करने की जो क्षमता होती है, उसे वायु की आर्द्रता सामर्थ्य कहा जाता है। सरल शब्दों में, वायु में तापमान बढ़ने पर वह अधिक मात्रा में जलवाष्प धारण करने में सक्षम हो जाती है।
भूमध्यरेखीय गर्म क्षेत्रों में तापमान अधिक होने के कारण वायु उष्ण होती है, जिससे इन क्षेत्रों में आर्द्रता भी अधिक होती है। इसके विपरीत, ध्रुवीय और शीत जलवायु वाले क्षेत्रों में आर्द्रता बहुत कम होती है। सामान्यतः, उष्ण मरुस्थलीय क्षेत्रों में आर्द्रता लगभग नहीं के बराबर होती है, क्योंकि वहाँ जल की उपलब्धता अत्यल्प होती है।
आर्द्रता के प्रकार (Types of Humidity)
वायुमंडलीय आर्द्रता को तीन प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया जाता है—निरपेक्ष आर्द्रता, सापेक्ष आर्द्रता, तथा विशिष्ट आर्द्रता।
निरपेक्ष आर्द्रता (Absolute Humidity)
वायु के एक निश्चित आयतन में उपस्थित जलवाष्प की कुल मात्रा को निरपेक्ष आर्द्रता कहा जाता है। यह वायु की प्रति घन आयतन में जलवाष्प के भार को दर्शाती है। इसे प्रति घनफुट में ग्रेन या प्रति घन सेंटीमीटर में ग्राम के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। वायु के तापमान में परिवर्तन से इसकी नमी की मात्रा में भी बदलाव आता है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर अथवा महासागरीय क्षेत्रों से स्थलीय आंतरिक क्षेत्रों की ओर बढ़ने पर निरपेक्ष आर्द्रता में क्रमशः कमी आती है। ग्रीष्मकाल में उच्च तापमान के कारण, शीतकाल की तुलना में निरपेक्ष आर्द्रता अधिक होती है। इसी तरह, दिन के समय रात्रि की अपेक्षा आर्द्रता की मात्रा अधिक होती है।
निरपेक्ष आर्द्रता की मात्रा से वर्षा की संभावना का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। उदाहरणतः, यदि 50°F तापमान पर एक घनफुट वायु अधिकतम 4.1 ग्रेन नमी धारण कर सकती है और उसमें वास्तविक नमी भी 4.1 ग्रेन है, तो वर्षा की संभावना सुनिश्चित होती है। यदि नमी इससे कम है, तो वर्षा तब तक नहीं हो सकती जब तक तापमान घट न जाए या नमी बढ़कर 4.1 ग्रेन न हो जाए। जब वायु ऊपर उठती है और फैलती है या नीचे आती है और संकुचित होती है, तो निरपेक्ष आर्द्रता में स्पष्ट परिवर्तन होता है।

विशिष्ट आर्द्रता (Specific Humidity)

किसी वायु के कुल भार और उसमें समाहित जलवाष्प के भार के अनुपात को विशिष्ट आर्द्रता कहते हैं। इसकी मापन इकाई ग्राम/किलोग्राम होती है, अर्थात् एक किलोग्राम वायु में कितनी मात्रा में जलवाष्प उपस्थित है। यह विदित है कि किसी वायु की विशिष्ट आर्द्रता, उसमें निहित जलवाष्प की मात्रा के समानुपाती होती है।
भूमध्य रेखा के समीपवर्ती क्षेत्रों में वायुमंडलीय आर्द्रता की मात्रा अत्यधिक होती है। जैसे-जैसे हम भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर बढ़ते हैं, यह मात्रा क्रमशः घटती जाती है। चूँकि भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में तापमान उच्च होता है, इसलिए वहाँ की वायु की जलवाष्प को अवशोषित करने की क्षमता भी अधिक होती है, जिससे आर्द्रता का स्तर उच्चतम होता है।
सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity)
निर्धारित आयतन तथा स्थिर वायुदाब की स्थिति में, वायु द्वारा वहन की जा सकने वाली अधिकतम नमी की तुलना में उसमें व्याप्त वास्तविक जलवाष्प की मात्रा का अनुपात सापेक्ष आर्द्रता कहलाता है। अन्य शब्दों में, वास्तविक वाष्पदाब और संतृप्त वाष्पदाब के अनुपात को ही सापेक्ष आर्द्रता के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसे निम्नलिखित गणितीय सूत्र से अभिव्यक्त किया जा सकता है—
सापेक्ष आर्द्रता = वायु में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा / संतृप्ति हेतु अपेक्षित जलवाष्प की मात्रा
या
सापेक्ष आर्द्रता = वास्तविक वाष्पदाब / संतृप्त वाष्पदाब × 100
वायु के तापमान तथा उसकी नमी वहन करने की क्षमता के मध्य प्रत्यक्ष संबंध पाया जाता है, परंतु तापमान और सापेक्ष आर्द्रता के बीच एक विपरीत संबंध विद्यमान होता है। इसका अर्थ यह है कि यदि जलवाष्प की मात्रा अपरिवर्तित रहे, तो तापमान में गिरावट के साथ वायु की सापेक्ष आर्द्रता में वृद्धि होती है।
जलवाष्प की उपस्थिति की दृष्टि से सापेक्ष आर्द्रता का विशेष महत्व होता है। यदि वातावरण में सापेक्ष आर्द्रता की मात्रा अधिक हो, तो वर्षा की संभावना बढ़ जाती है। इसके विपरीत, यदि यह मात्रा कम हो, तो वातावरण के शुष्क बने रहने की आशंका अधिक होती है।

सापेक्षिक आर्द्रता का प्रादेशिक वितरण
सापेक्ष आर्द्रता का वितरण भौगोलिक क्षेत्रों के अनुसार विविधता लिए होता है। भूमध्य रेखा के समीप वायुमंडल में जलवाष्प की उपलब्धता अधिक होने के कारण वहाँ सापेक्ष आर्द्रता का स्तर सर्वाधिक रहता है। परंतु भूमध्य रेखा से उत्तर और दक्षिण की ओर बढ़ते हुए, जलवाष्प की मात्रा में गिरावट के चलते सापेक्ष आर्द्रता की मात्रा में निरंतर कमी आती है। कर्क एवं मकर रेखाओं के निकट इसका स्तर अत्यंत न्यूनतम हो जाता है। जैसे-जैसे हम उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं, तापमान में कमी के कारण सापेक्ष आर्द्रता में फिर से वृद्धि होने लगती है। 60° अक्षांशीय क्षेत्रों में इसकी मात्रा भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से भी अधिक हो जाती है।
उत्तर और दक्षिण गोलार्धों में, 60° अक्षांश से ध्रुवों की ओर बढ़ते हुए तापमान में गिरावट के कारण आर्द्रता की मात्रा में लगातार कमी आती जाती है। गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में वायु की नमी ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। दक्षिणी गोलार्ध में जलराशियों का विस्तार उत्तरी गोलार्ध की तुलना में अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप यहाँ की आर्द्रता की मात्रा उत्तर गोलार्ध की अपेक्षा अधिक पाई जाती है। उदाहरणतः, 40° उत्तरी अक्षांश पर आर्द्रता का स्तर 72 प्रतिशत होता है, जबकि इसी अक्षांश पर दक्षिणी गोलार्ध में यह मात्रा 80 प्रतिशत तक पहुँच जाती है। जल और स्थल के वितरण में विषमता के कारण दोनों गोलार्धों में आर्द्रता की मात्रा में सुस्पष्ट भिन्नता परिलक्षित होती है।
FAQs
वायुमण्डलीय आर्द्रता क्या होती है?
वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा को वायुमंडलीय आर्द्रता कहते हैं। यह क्षेत्रीय तापमान और वायु की जलवाष्प धारण करने की क्षमता पर निर्भर करती है।
आर्द्रता किसे कहते हैं?
वातावरण में जलवाष्प की उपस्थिति को आर्द्रता कहा जाता है। यह विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में भिन्न-भिन्न होती है।
वायुमंडल की आर्द्रता मापने वाला यंत्र क्या है?
वायुमंडल की आर्द्रता को मापने के लिए हाइग्रोमीटर का उपयोग किया जाता है।
वायुमंडल की आर्द्रता क्या है?
वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा को वायुमंडलीय आर्द्रता कहते हैं, जो मौसम परिवर्तन और जल चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
वायुमण्डलीय आर्द्रता कैसे मापी जाती है?
वायुमंडलीय आर्द्रता को हाइग्रोमीटर और साइक्रोमीटर जैसे उपकरणों की सहायता से मापा जाता है।
आर्द्रता कैसे मापी जाती है?
आर्द्रता को सापेक्ष आर्द्रता तथा निरपेक्ष आर्द्रता के रूप में मापा जाता है। इसे हाइग्रोमीटर तथा साइक्रोमीटर के माध्यम से मापा जाता है
सापेक्ष आर्द्रता की व्याख्या कीजिए।
सापेक्ष आर्द्रता किसी निश्चित तापमान पर वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा और वायु के संतृप्त होने के लिए आवश्यक जलवाष्प की मात्रा के अनुपात को दर्शाती है।
सापेक्ष आर्द्रता और निरपेक्ष आर्द्रता में क्या अंतर है?
सापेक्ष आर्द्रता किसी निश्चित तापमान पर जलवाष्प की उपलब्ध मात्रा और संतृप्ति हेतु आवश्यक जलवाष्प की मात्रा के अनुपात को दर्शाती है।
निरपेक्ष आर्द्रता वायु के प्रति घन मीटर में उपस्थित वास्तविक जलवाष्प की मात्रा को दर्शाती है।
सापेक्ष आर्द्रता सूत्र
सापेक्ष आर्द्रता = (वास्तविक वाष्पदाब / संतृप्त वाष्पदाब) × 100
100% आर्द्रता में क्या होता है?
जब सापेक्ष आर्द्रता 100% हो जाती है, तो वायु में अधिक जलवाष्प समाहित नहीं हो सकता और संघनन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है, जिससे वर्षा, कोहरा या ओस बन सकती है।
आर्द्रता 80 प्रतिशत होने पर क्या होता है?
जब आर्द्रता 80% होती है, तो वायु में जलवाष्प की मात्रा अत्यधिक होती है, जिससे संभावित वर्षा या उमस की स्थिति उत्पन्न होती है।
कैसे पता चलेगा कि आर्द्रता अधिक है?
यदि हवा भारी और चिपचिपी लगे, पसीना जल्दी न सूखे और मौसम में उमस का अनुभव हो, तो समझा जाता है कि आर्द्रता अधिक है।
ह्यूमिडिटी बढ़ने से क्या होता है?
ह्यूमिडिटी (आर्द्रता) बढ़ने से वाष्पीकरण की दर कम हो जाती है, जिससे पसीना आसानी से नहीं सूखता और शरीर में गर्मी अधिक महसूस होती है।
ह्यूमिडिटी का क्या अर्थ है?
ह्यूमिडिटी का अर्थ वातावरण में जलवाष्प की उपस्थिति से है।
विशिष्ट आर्द्रता क्या होती है?
विशिष्ट आर्द्रता किसी निश्चित द्रव्यमान की वायु में जलवाष्प के द्रव्यमान के अनुपात को दर्शाती है।
विशिष्ट आर्द्रता का मात्रक क्या है?
विशिष्ट आर्द्रता का मात्रक ग्राम प्रति किलोग्राम (g/kg) होता है।
विशिष्ट आर्द्रता का मात्रक ग्राम प्रति किलोग्राम (g/kg) होता है।
विशिष्ट आर्द्रता का मात्रक ग्राम प्रति किलोग्राम (g/kg) होता है।
आर्द्रता मापने की इकाई क्या है?
आर्द्रता को प्रतिशत (%) में मापा जाता है, जबकि निरपेक्ष आर्द्रता ग्राम प्रति घन मीटर (g/m³) में व्यक्त की जाती है।
आपेक्षिक आर्द्रता का उदाहरण क्या है?
यदि किसी स्थान की तापीय स्थिति ऐसी है कि वायु 20 ग्राम जलवाष्प धारण कर सकती है, लेकिन उसमें 10 ग्राम ही जलवाष्प है, तो सापेक्ष आर्द्रता 50% होगी।
अधिकतम विशिष्ट आर्द्रता क्या है?
किसी निश्चित तापमान पर वायु द्वारा धारण की जाने वाली अधिकतम जलवाष्प मात्रा को अधिकतम विशिष्ट आर्द्रता कहते हैं।
आपेक्षिक आर्द्रता की इकाई क्या है?
आपेक्षिक आर्द्रता को प्रतिशत (%) में व्यक्त किया जाता है।
क्या 99% आर्द्रता संभव है?
हाँ, 99% आर्द्रता संभव है, और इस स्थिति में वायु लगभग संतृप्त होती है, जिससे कोहरा, धुंध, या वर्षा होने की संभावना बढ़ जाती है।