असंगति (Unconformity)
असंगति भूवैज्ञानिक संरचना में वह स्थिति होती है जहां पर चट्टानों की दो परतों के बीच एक अंतराल या रुकावट होती है, जो लंबे समय तक अपक्षय, अपरदन या अवसादन की अनुपस्थिति के कारण उत्पन्न होती है। यह स्थिति चट्टान के रिकॉर्ड में समय के गैप को दर्शाती है, जहां पुराने और नए अवसादी या आग्नेय चट्टानों के बीच कोई अवसादन या विराम रहा होता है।
चार प्रकार की असंगति (Unconformities)
- Angular Unconformity (कोणीय असंगति)
- Disconformity (विच्छेदन असंगति)
- Para-conformity (पैरा-असंगति)
- Non-conformity (गैर-असंगति)
1. Angular Unconformity (कोणीय असंगति)
कोणीय असंगति एक प्रकार की असंगति है जिसमें नए जमाव पुराने झुके हुए या मुड़े हुए चट्टानों की क्षरित सतह पर स्थित होते हैं। इसका अर्थ यह है कि पुरानी चट्टानें नए जमाव की तुलना में अधिक ढलान पर होती हैं। इस प्रकार, पुरानी चट्टानें नए जमाव से भिन्न कोण पर झुकी होती हैं।

2. Disconformity (विच्छेदन असंगति)
विच्छेदन असंगति एक असंगति सतह है जिसमें ऊपरी और निचली परतों के बीच के बिस्तर (bedding planes) समानांतर होते हैं, लेकिन दोनों के बीच असंगति का चिह्न एक अनियमित या असमान क्षरण सतह के रूप में देखा जा सकता है। इस प्रकार की असंगति में निचली और ऊपरी परतें एक-दूसरे के साथ लगभग समानांतर होती हैं।

3. Para-conformity (पैरा-असंगति)
पैरा-असंगति एक अस्पष्ट असंगति होती है जिसमें ऊपरी और निचली परतें समानांतर होती हैं, और असंगति संपर्क में कोई क्षरण सतह या अन्य भौतिक साक्ष्य स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता। इस प्रकार की असंगति को पहचाना कठिन होता है और इसे केवल चट्टानों के अभिलेख में अंतराल के आधार पर पहचाना जा सकता है, जैसे कि जीवाश्मीय प्रमाणों (पेलिओंटोलॉजिक एविडेंस) से फौना ज़ोन की अनुपस्थिति या अचानक परिवर्तन।

4. Non-conformity (गैर-असंगति)
गैर-असंगति उस समय विकसित होती है जब अवसादी चट्टानें पुरानी आग्नेय या विशाल कायांतरित (metamorphic) चट्टानों के ऊपर स्थित होती हैं, जो क्षरण के बाद अवसादी जमाव से ढकी जाती हैं। इन आग्नेय या कायांतरित चट्टानों ने ठंडक, उठाव और क्षरण का अनुभव किया होता है, जिसके बाद उन पर नए अवसादी जमाव जमते हैं।
