
मध्यप्रदेश भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जिसे विभिन्न भौतिक प्रदेशों में विभाजित किया गया है। इन प्रदेशों का वर्गीकरण उनकी भौगोलिक स्थिति, मिट्टी के प्रकार, नदियों, प्रमुख जिलों, क्षेत्रफल, जलवायु और प्रमुख फसलों के आधार पर किया गया है।
इस विभाजन से यह स्पष्ट होता है कि राज्य के विभिन्न भागों में जलवायु, कृषि और भौगोलिक संरचना में विविधता पाई जाती है। कुछ क्षेत्र पठारी हैं, जहाँ काली, जलोढ़ या मिश्रित मिट्टी पाई जाती है, तो कुछ क्षेत्रों में लाल-पीली मिट्टी का वर्चस्व है। इन भौतिक प्रदेशों में बहने वाली नदियाँ न केवल सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि जलवायु संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होती हैं।
इस तालिका में मध्य प्रदेश के प्रमुख भौतिक प्रदेशों की विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसमें उनकी भौगोलिक स्थिति, मिट्टी का प्रकार, प्रमुख नदियाँ, जिलों के नाम, क्षेत्रफल, जलवायु और प्रमुख फसलों की सूची सम्मिलित है। यह जानकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी है।
भौतिक प्रदेश | भौगोलिक स्थिति | गिट्टी | नदियाँ | प्रमुख जिले | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | जलवायु | प्रमुख फसलें |
मालवा का पठार | 22°17′ से 25°8′ उत्तरी अक्षांश, 74°20′ 79°20′ पूर्वी देशांतर | काली मिट्टी | माही, चंबल, काली सिंध, पार्वती, बेतवा | भोपाल, धार, गुना, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, देवास, सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा, विदिशा, रायसेन | 88,222 (28.62%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | गेहूं एवं सोयाबीन |
मध्य भारत का पठार | 24° से 26°48′ उत्तरी अक्षांश, 74°50′ 79°10′ पूर्वी देशांतर | जलोढ़ एवं कछारी मिट्टी | चंबल, सिंध, क्वारी, कुनो | भिंड, मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर, नीमच | 32,896 (10.7%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | सरसों, तिलहन |
बुंदेलखण्ड का पठार | 24°06′ से 26°22′ उत्तरी अक्षांश, 77°51′ से 80°20′ पूर्वी देशांतर | मिश्रित मिट्टी | सिंध, बेतवा, पहुज, धसान | दतिया, छतरपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़ | 23,733 (7.7%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | गेहूं एवं ज्वार |
विंध्यन कगारी प्रदेश (रीवा पन्ना का पठार) | 23°10′ से 25°12′ उत्तरी अक्षांश, 78°4′ से 82°18′ पूर्वी देशांतर | मिश्रित मिट्टी | टोंस, केन, बीहड़, बिछिया | रीवा, सतना, पन्ना, दमोह, मऊगंज, मैहर | 31,955 (10.37%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | गेहूं एवं धान, तिलहन |
नर्मदा-सोन घाटी | 22°30′ से 23°45′ उत्तरी अक्षांश, 74° से 81°30′ पूर्वी देशांतर | गहरी काली एवं जलोढ़ मिट्टी | नर्मदा, सोन, तवा | जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा | 86,000 (26%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | गेहूं, गन्ना |
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश | 21°30′ से 23° उत्तरी अक्षांश, 74°30′ 81° पूर्वी देशांतर | छिछली काली एवं लेटेराइट मिट्टी | बेनगंगा, वर्धा, तासी, शकर | खंडवा, खरगौन, बड़वानी, बैतूल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढूर्णा | 34,000 (11%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | गेहूं, चावल |
बघेलखण्ड पठार (पूर्वी पठार) | 23°40′ से 24°35′ उत्तरी अक्षांश, 80°05′ से 82°35′ पूर्वी देशांतर | लाल-पीली मिट्टी | सोन, गोपद, बनास | सीधी, शहडोल, उमरिया, सिंगरौली | 21,577 (7%) | समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु | धान, ज्वार |
मालवा के पठार की भौगोलिक स्थिति क्या है?
मालवा का पठार 22°17′ से 25°8′ उत्तरी अक्षांश और 74°20′ से 79°20′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
मालवा के पठार की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
मालवा के पठार में माही, चंबल, काली सिंध, पार्वती और बेतवा नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
मालवा के पठार की मिट्टी का प्रकार क्या है?
मालवा के पठार में काली मिट्टी पाई जाती है।
मालवा के पठार के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
मालवा के पठार के प्रमुख जिले भोपाल, धार, गुना, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, देवास, सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा, विदिशा और रायसेन हैं।
मालवा के पठार का क्षेत्रफल कितना है?
मालवा के पठार का कुल क्षेत्रफल 88,222 वर्ग किलोमीटर (28.62%) है।
मध्य भारत के पठार की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
मध्य भारत के पठार में चंबल, सिंध, क्वारी और कुनो नदियाँ बहती हैं।
मध्य भारत के पठार की मिट्टी किस प्रकार की होती है?
मध्य भारत के पठार में जलोढ़ एवं कछारी मिट्टी पाई जाती है।
मध्य भारत के पठार के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
मध्य भारत के पठार में भिंड, मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर और नीमच जिले आते हैं।
बुंदेलखंड पठार की भौगोलिक स्थिति क्या है?
बुंदेलखंड का पठार 24°06′ से 26°22′ उत्तरी अक्षांश और 77°51′ से 80°20′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
बुंदेलखंड पठार की मिट्टी का प्रकार क्या है?
बुंदेलखंड पठार में मिश्रित मिट्टी पाई जाती है।
बुंदेलखंड पठार की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
बुंदेलखंड पठार में सिंध, बेतवा, पहुज और धसान नदियाँ बहती हैं।
बुंदेलखंड पठार के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
बुंदेलखंड पठार के प्रमुख जिले दतिया, छतरपुर, निवाड़ी और टीकमगढ़ हैं।
विंध्यन कगारी प्रदेश की भौगोलिक स्थिति क्या है?
विंध्यन कगारी प्रदेश 23°10′ से 25°12′ उत्तरी अक्षांश और 78°4′ से 82°18′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
विंध्यन कगारी प्रदेश की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
विंध्यन कगारी प्रदेश में टोंस, केन, बीहड़ और बिछिया नदियाँ बहती हैं।
विंध्यन कगारी प्रदेश के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
विंध्यन कगारी प्रदेश के प्रमुख जिले रीवा, सतना, पन्ना, दमोह, मऊगंज और मैहर हैं।
नर्मदा-सोन घाटी की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
नर्मदा-सोन घाटी में नर्मदा, सोन और तवा नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
नर्मदा-सोन घाटी की मिट्टी का प्रकार क्या है?
नर्मदा-सोन घाटी में गहरी काली एवं जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है।
नर्मदा-सोन घाटी के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
नर्मदा-सोन घाटी के प्रमुख जिले जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम और हरदा हैं।
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश में बेनगंगा, वर्धा, तासी और शकर नदियाँ बहती हैं।
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश की मिट्टी का प्रकार क्या है?
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश में छिछली काली एवं लेटेराइट मिट्टी पाई जाती है।
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
सतपुड़ा-मेकल प्रदेश के प्रमुख जिले खंडवा, खरगौन, बड़वानी, बैतूल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी और पांढूर्णा हैं।
बघेलखंड पठार की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
बघेलखंड पठार में सोन, गोपद और बनास नदियाँ बहती हैं।
बघेलखंड पठार की मिट्टी किस प्रकार की होती है?
बघेलखंड पठार में लाल-पीली मिट्टी पाई जाती है।
बघेलखंड पठार के प्रमुख जिले कौन-कौन से हैं?
बघेलखंड पठार के प्रमुख जिले सीधी, शहडोल, उमरिया और सिंगरौली हैं।