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मध्य प्रदेश के प्रमुख भौगोलिक विभाग (Major Geographical Divisions of Madhya Pradesh)

मध्य प्रदेश के प्रमुख भौगोलिक विभाग (Major Geographical Divisions of Madhya Pradesh)

मध्य प्रदेश, भारतीय प्रायद्वीप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी भौगोलिक संरचना मुख्यतः पठारों, पर्वतमालाओं एवं घाटियों पर आधारित है। इस राज्य की भौगोलिक विशेषताओं, जलवायु, वनस्पति, मिट्टी, खनिज संसाधन, कृषि, जनसंख्या, उद्योग एवं परिवहन की दृष्टि से इसे विभिन्न भौतिक विभागों में वर्गीकृत किया गया है।

मुख्य भौगोलिक विभाजन:

मध्य प्रदेश को निम्नलिखित प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है—

1. मध्य उच्चभूमि (Central Highlands)

इस क्षेत्र में निम्नलिखित उप-भाग शामिल हैं:

  • बुंदेलखंड का पठार
  • मालवा का पठार
  • रीवा-पन्ना का पठार
  • नर्मदा-सोन घाटी
  • मध्य भारत का पठार

2. सतपुड़ा और मैकल पर्वतमाला (Satpura and Maikal Ranges)

  • पश्चिमी सतपुड़ा श्रेणी (राजपीपला पहाड़ियाँ)
  • पूर्वी सतपुड़ा श्रेणी
  • मैकल श्रेणी या मैकल पठार

3. पूर्वी पठार (Eastern Plateau)

  • बघेलखंड का पठार

एस.पी. चटर्जी के अनुसार भौतिक विभाजन

भारत के राष्ट्रीय एटलस (National Atlas of India) के अनुसार, भूगोलवेत्ता एस.पी. चटर्जी द्वारा भारत के भू-आकृतिक क्षेत्रों को दो मुख्य भौतिक भागों में विभाजित किया गया है:

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(1) मध्य उच्चभूमि (Central Highlands)

इसमें निम्नलिखित क्षेत्र सम्मिलित हैं:

  • मालवा का पठार
  • मध्य भारत का पठार
  • बुंदेलखंड उच्चभूमि
  • विंध्यन कगार भूमि (Vindhyan Escarpment)
  • विंध्याचल श्रेणी (Vindhya Range)
  • नर्मदा-सोन घाटी

(2) प्रायद्वीपीय पठार (Peninsular Plateau)

इसमें निम्नलिखित भाग आते हैं:

  • सतपुड़ा पर्वतमाला (Satpura Range)
  • बघेलखंड का पठार (Baghelkhand Plateau)

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