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तमसा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

टॉस नदी का उद्गम

टॉस नदी, जिसे तमसा नदी के नाम से भी जाना जाता है, का उद्गम मध्यप्रदेश के मैहर जिले के झुलेरी क्षेत्र में स्थित कैमूर पहाड़ियों से, तमसा कुंड नामक जलाशय से हुआ है। यह नदी प्रारंभ में मैहर एवं सतना जिलों से प्रवाहित होती हुई रीवा जिले में प्रवेश करती है। इस क्षेत्र में यह नदी कैमूर पहाड़ियों की संकरी घाटियों से होकर बहती है, जिससे इसका प्रवाह तीव्र हो जाता है। तत्पश्चात, यह उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर प्रयागराज के निकट गंगा नदी में विलीन हो जाती है

तमसा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?
Madhya Pradesh Rivers

तमसा नदी का ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व

टॉस नदी का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों एवं पुराणों में तमसा के नाम से हुआ है।

  • मार्कण्डेय पुराण
  • मत्स्य पुराण
  • वाल्मीकि रामायण
  • वामन पुराण
  • वायु पुराण

इन ग्रंथों में इस नदी को पवित्र तथा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है।


टोंस नदी पर स्थित जलप्रपात कोन-कोन से है?

टॉस नदी एवं इसकी सहायक नदियों पर अनेक प्राकृतिक जल प्रपात स्थित हैं, जो भौगोलिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

जल प्रपातनदीस्थिति
पूर्वा जलप्रपातटॉस नदीमध्यप्रदेश
चचाई जलप्रपातबीहड़ नदीमध्यप्रदेश
केवटी जलप्रपातमहाना नदीमध्यप्रदेश
बहुती जलप्रपातसेलर नदीमध्यप्रदेश

विशेष टिप्पणी:

  • मऊगंज जिला पोर्टल के अनुसार सेलर नदी को बीहड़ नदी की सहायक नदी बताया गया है।
  • अन्य प्रकाशित पुस्तकों के अनुसार, सेलर नदी बेलन नदी की सहायक नदी मानी जाती है।
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निष्कर्ष

टॉस (तमसा) नदी भौगोलिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल प्राकृतिक जल स्रोत के रूप में कार्य करती है, बल्कि इसके तटवर्ती क्षेत्र में अनेक धार्मिक मान्यताएँ भी प्रचलित हैं। इसके प्रवाह क्षेत्र में स्थित जल प्रपात पर्यावरणीय सौंदर्य को बढ़ाते हैं एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में इस नदी के जल संसाधनों का संरक्षण एवं सतत प्रबंधन आवश्यक है ताकि इसकी प्राकृतिक संपदा बनी रहे।

तमसा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

तमसा नदी, जिसे टॉस नदी भी कहा जाता है, मध्यप्रदेश के मैहर जिले के झुलेरी क्षेत्र में स्थित कैमूर पहाड़ियों से, तमसा कुंड नामक जलाशय से निकलती है।

तमसा नदी का दूसरा नाम क्या है?

तमसा नदी को टॉस नदी के नाम से भी जाना जाता है।

टोंस नदी का इतिहास क्या है?

टोंस नदी का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे वाल्मीकि रामायण, मार्कण्डेय पुराण, मत्स्य पुराण, वामन पुराण और वायु पुराण में मिलता है। इसे धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

टोंस नदी गंगा में कहाँ मिलती है?

टोंस नदी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के निकट गंगा नदी में मिलती है।

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