महासागरीय तरंगें किसे कहते है?
सागरीय तरंगें उन महत्वपूर्ण गतिशील प्रक्रियाओं में से एक हैं, जो समुद्र की सतह पर उत्पन्न होने वाले अस्थिरताओं के परिणामस्वरूप निर्मित होती हैं। ये व्यापक जलराशि को ऊर्ध्वाधर एवं क्षैतिज गति प्रदान करती हैं, जिससे वे हजारों किलोमीटर तक महासागर की सतह पर प्रवाहित होती हैं।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, शिखर (Crest) और गर्त (Trough) से युक्त समुद्री जल के दोलनशील प्रवाह को ही ‘महासागरीय तरंग’ कहा जाता है।
समुद्री लहरों की उत्पत्ति का मुख्य कारण क्या है? (Probable Causes for the Origin of Sea Waves)
- तेजगति से बहने वाली हवाओं द्वारा महासागर की सतह पर उत्पन्न होने वाला घर्षण एक प्रमुख कारण है, जिसके प्रभाव से तरंगों की उत्पत्ति होती है। यह एक नियमित भौतिक प्रक्रिया है जो पूरे वर्ष सक्रिय रहती है।
- चंद्रमा, सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण बल की क्रियाओं के कारण जब समुद्री जल में उतार-चढ़ाव उत्पन्न होता है, तब ज्वारीय तरंगों का निर्माण होता है।
- वायुमंडलीय परिसंचरण के दौरान जब निम्न दाब के केंद्र में चक्रवातीय स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, तब महासागर की सतह पर चक्रवातजनित तरंगों का निर्माण होता है।
- अंतर्जात बलों की सक्रियता के दौरान जैसे कि समुद्र के भीतर भूकंपीय हलचल या ज्वालामुखी विस्फोट की स्थिति उत्पन्न होती है, तब सुनामी तरंगें जन्म लेती हैं। इसके अतिरिक्त, तटीय भूभागों में होने वाले भूस्खलन भी समुद्री सतह पर विक्षोभ उत्पन्न कर सुनामी जैसी गंभीर तरंगों को जन्म दे सकते हैं।
समुद्र की गहराई के आधार पर तरंगों के प्रकार (Types of Waves on the Basis of Depth of Sea)
- दोलन तरंग (Oscillatory Wave): इस श्रेणी की तरंगें महासागर के गहरे जल क्षेत्रों में उत्पन्न होती हैं। इनमें जलकण वृत्तीय मार्ग में गति करते हैं, जिससे जल का क्षैतिज स्थानांतरण नहीं होता, केवल ऊर्ध्वाधर कंपन होता है।
- स्थानांतरणीय तरंग (Translatory Wave): जिसे ‘एकश्रृंगी तरंग’ भी कहा जाता है, यह तरंग सतह से सागर तल तक की समग्र जलराशि को एक दिशा में गति प्रदान करती है। इस प्रकार की तरंग में जल की वास्तविक स्थानांतरित गति देखी जाती है।
- संक्रमणीय तरंग (Transitional Wave): जब गहरे जल की तरंगें तटीय छिछले क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं, तो उनमें परिवर्तन होता है। ऐसी तरंगों को संक्रमणीय या मध्यवर्ती तरंगें कहा जाता है, जो गहरे और उथले जल की सीमाओं पर उत्पन्न होती हैं।
भू-आकृतिक महत्त्व के आधार पर समुद्री तरंगों के प्रकार (Types of Sea Waves on the Basis of Geomorphic Importance)

रचनात्मक तरंग (Constructive Wave)
इन तरंगों की लंबी तरंगदैर्ध्य और कम आवृत्ति उन्हें रचनात्मक बनाती है। जब ये तरंगें तट की ओर बढ़ती हैं, तो इनकी ऊर्जा एवं वेग में क्षय होता है, जिससे निक्षेपण की प्रक्रिया अधिक प्रभावशाली हो जाती है और तटीय भूभाग पर निर्माणात्मक कार्य करती हैं।
विनाशी तरंग (Destructive Wave)
इन तरंगों में अल्प तरंगदैर्ध्य, उच्च आवृत्ति तथा तीव्र शिखर विद्यमान होते हैं। जब ये तटीय भाग से टकराती हैं, तो इनका बल तीव्र होता है, जिससे अपरदन की प्रक्रिया अत्यंत सक्रिय एवं प्रभावशाली हो जाती है।

तरंगों के टूटने के आधार पर समुद्री तरंगों के प्रकार
जब महासागरीय तरंगें तटीय दिशा में अग्रसर होती हैं, तब गहराई में घटती हुई स्थिति के परिणामस्वरूप तरंग का गर्त सागर के तल से संपर्क स्थापित करने लगता है। इस प्रक्रिया में उत्पन्न घर्षण के कारण तरंग की गति में बाधा आती है। इसी के साथ जैसे-जैसे तरंग की ऊँचाई में वृद्धि होती है और वह असंतुलित होकर टूटती है, तो उस टूटी हुई तरंग को सर्फ, ब्रेकर या स्वाश की संज्ञा दी जाती है।
जब तरंग तट से टकराकर ऊर्जा क्षय करती है, तब जल पीछे की ओर लौटता है, किंतु यह वापसी तरंग की अधो-धारा के रूप में होती है जो तट की ओर बढ़ती लहरों के नीचे से होकर प्रवाहित होती है। इस पीछे की ओर बहने वाली जलधारा को अधःप्रवाह (Undertow या Backwash) कहा जाता है। यह अधःप्रवाह तटीय क्षेत्र में अपरदन की क्रिया को प्रभावशाली बनाते हुए कंकड़, पत्थर तथा अन्य तलछटों को समुद्र की ओर साथ बहा ले जाता है, जिससे यह निक्षेपण की प्रक्रिया में बाधक सिद्ध होता है।
प्रतोड़न रेखा (Plunge Line) किसे कहते है?
तट से एक नियत दूरी पर, जहाँ समरूप ऊँचाई वाली तरंगें टूटकर सर्फ में परिवर्तित होती हैं, यदि तट के समानांतर एक रेखा खींची जाए, तो उसे प्रतोड़न रेखा (Plunge Line) कहा जाता है। इसी महत्वपूर्ण रेखा तक पहुँचने पर तरंगें सर्फ में बदल जाती हैं, और यही सर्फ तटीय क्षेत्रों में काट-छाँट की प्रक्रिया को अंजाम देता है।
प्रमुख समुद्री महासागरीय धाराएँ
धारा का नाम | महासागर | प्रकृति |
गल्फ स्ट्रीम | अटलांटिक महासागर | गर्म |
उत्तरी अटलांटिक धारा | उत्तरी अटलांटिक महासागर | गर्म |
कैनरी धारा | उत्तरी अटलांटिक महासागर | ठंडी |
लैब्राडोर धारा | उत्तरी अटलांटिक महासागर | ठंडी |
अलास्का धारा | उत्तरी प्रशांत महासागर | गर्म |
कुरोशियो धारा | उत्तरी प्रशांत महासागर | गर्म |
उत्तरी प्रशांत धारा | उत्तरी प्रशांत महासागर | गर्म |
ब्राजील धारा | दक्षिण अटलांटिक महासागर | गर्म |
बेंगुएला धारा | दक्षिण अटलांटिक महासागर | ठंडी |
पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई धारा | दक्षिण प्रशांत महासागर | गर्म |
हम्बोल्ट धारा | दक्षिण प्रशांत महासागर | ठंडी |
पश्चिमी पवन प्रवाह | दक्षिण प्रशांत महासागर | ठंडी |
ओयाशियो धारा | उत्तरी प्रशांत महासागर | ठंडी |
ऑस्ट्रेलियाई धारा | हिंद महासागर | ठंडी |
इक्वेटोरियल धारा | प्रशांत महासागर | गर्म |
कैलिफ़ोर्निया धारा | प्रशांत महासागर | ठंडी |
अगुलहास धारा | हिंद महासागर | गर्म |

FAQs
महासागरीय लहरें क्या हैं?
शिखर (Crest) और गर्त (Trough) से युक्त समुद्री जल के दोलनशील प्रवाह को ही ‘महासागरीय तरंग’ कहा जाता है।
सुनामी से आप क्या समझते हैं? सुनामी क्या है?
अन्तर्जात आकस्मिक बल के कारण जब समुद्र में भूकंप की उत्पत्ति, ज्वालामुखी प्रक्रिया या भूस्खलन से विक्षोभ के कारण समुद्री तरंग की उत्पत्ति होती है, तब उसे सुनामी कहते हैं।
सुनामी (Tsuanmi) एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ है बंदरगाह की ओर आने वाली समुद्री तरंगें। लेकिन बंदरगाह की ओर आने वाली सभी समुद्री तरंगों को सुनामी नहीं कहते हैं क्योंकि सुनामी रूपी तरंग की उत्पत्ति का सम्बंध अन्र्जनित आकस्मिक संचलन के कारण समुद्र की सतह पर होने वाले परिवर्तन हैं
फेच (Fetch) क्या है? भूगोल मे
महासागर में जहाँ जल की सतह से होकर समुद्री तरंगें अग्रसर होती हैं, उसे फेच (Fetch) कहते हैं।
प्रतोड़न रेखा (Plunge line) किसे कहते हैं?
समुद्र तट के समीप जहाँ समुद्र की गहराई कम होने के कारण समान ऊँचाई वाले तरंगों के शिखर टूटने के बाद सर्फ में परिवर्तित होते हैं, वहाँ तट के समानान्तर खींची गई रेखा को प्रतोड़न रेखा (Plunge line) कहते हैं।
तरंगिका (Ripple Current) कहते हैं?
श्वास का तट से टकराने के बाद जो समुद्री तरंगें जल की सतह से समुद्र की ओर लौटती है, उसे तरंगिका (Ripple Current) कहते हैं
अधःप्रवाह (Backwash) किसे कहते हैं?
समुद्री तट से अंदर की परतों से समुद्र की ओर लौटने वाली तरंगों को अधःप्रवाह (Backwash) कहते हैं।