NEET UG 2025: Application Correction Window Now Open – Edit Your Details Before March 11

NEET UG 2025: Application Correction Window Now Open – Edit Your Details Before March 11

The National Testing Agency (NTA) has officially opened the application correction window for NEET UG 2025 from March 9 to March 11 2025. Candidates who have already registered can make necessary modifications to their application forms by go to see the official website neet.nta.nic.in. Key Dates for NEET UG 2025 The NEET UG 2025 syllabus […]

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मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र: गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही, महानदी—क्षेत्रफल, जिलों की सूची, राज्यवार विस्तार

मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र: गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही, महानदी—क्षेत्रफल, जिलों की सूची, राज्यवार विस्तार

मध्यप्रदेश में 6 प्रमुख अपवाह तंत्र—गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही और महानदी—स्थित हैं, जिनमें सबसे बड़ा गंगा अपवाह तंत्र है और सबसे छोटा महानदी अपवाह तंत्र है; नर्मदा राज्य का दूसरा सबसे बड़ा तंत्र है, जबकि ताप्ती, माही और गोदावरी सीमित जिलों में फैले हुए हैं।

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Madhya Pradesh Rivers

मध्यप्रदेश की नदियाँ एवं अपवाह तंत्र: गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही, महानदी | Drainage Patterns

मध्यप्रदेश को “नदियों का मायका” कहा जाता है क्योंकि यहाँ से अनेक प्रमुख नदियाँ उद्गमित होकर विभिन्न अपवाह तंत्रों—गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही व महानदी—का निर्माण करती हैं; राज्य में वृक्षाभ, अनुगामी, अध्यारोपित व आयताकार जैसे अपवाह प्रतिरूप मिलते हैं, जिनका भू‑आकृतिक व आर्थिक महत्व परीक्षा व अध्ययन—दोनों के लिए प्रमुख है।

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Science

What Is Science ?

What Is Science ? Science is a systematic study of the natural world through observation, experimentation and logic. The purpose is to detect facts, understand the laws of nature and develop principles to explain how things work. Science depends on the scientific method, including observation, to create hypothesis, conduct experiments, analyze the results and conclude.

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मध्य प्रदेश के भौतिक क्षेत्र (2025) – मालवा, बुंदेलखंड, नर्मदा घाटी सारणी

मध्य प्रदेश के भौतिक क्षेत्र (2025) – मालवा, बुंदेलखंड, नर्मदा घाटी सारणी

मालवा, बुंदेलखंड, नर्मदा-सोन घाटी सहित मध्य प्रदेश के 7 भौतिक क्षेत्रों की पूरी टेबल—स्थान, मृदा, नदियाँ, ज़िले व प्रमुख फ़सलें। MP GK व UPSC के लिये एक-नज़र चार्ट।

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सतपुड़ा-मैकल पर्वत श्रेणियाँ | Satpura & Maikal Ranges of MP

सतपुड़ा-मैकल पर्वत श्रेणियाँ | Satpura & Maikal Ranges of MP

सतपुड़ा-मैकल पर्वत श्रृंखला मध्य भारत में नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के दरार-घाटी क्षेत्र के बीच स्थित है। पश्चिमी छोर पर राजपीपला पहाड़ियों से प्रारम्भ होकर पूर्व में अमरकंटक तक लगभग 900 km लंबाई में फैली यह श्रेणी नर्मदा, ताप्ती, सोन व पेंच जैसी कई नदियों का जलविभाजक बनाती है।

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बघेलखण्ड का पठार: भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक अध्ययन

बघेलखण्ड का पठार: भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक अध्ययन

बघेलखण्ड का पठार: भौगोलिक स्थिति एवं विशेषताएँ बघेलखण्ड का पठार मध्यप्रदेश के पूर्वी भाग में अवस्थित है, जिसकी भौगोलिक सीमा सोन नदी के पूर्व तथा सोन घाटी के दक्षिण में विस्तारित है। इसका अक्षांशीय विस्तार 23°40′ उत्तरी अक्षांश से 24°35′ उत्तरी अक्षांश तक तथा देशांतर 80°05′ पूर्वी देशांतर से 82°35′ पूर्वी देशांतर तक सीमित है।

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सतपुड़ा-मैकल प्रदेश | भौगोलिक स्थिति, नदियाँ, वन, खनिज

सतपुड़ा-मैकल प्रदेश | भौगोलिक स्थिति, नदियाँ, वन, खनिज

सतपुड़ा-मैकल प्रदेश मध्य भारत का 900 km लंबा पर्वतीय क्षेत्र है, जो नर्मदा-ताप्ती दरार-घाटी के बीच जलविभाजक का काम करता है। पश्चिम में राजपिपला पहाड़ियों से पूर्व में अमरकंटक तक फैले इस क्षेत्र से नर्मदा, ताप्ती, सोन और गोदावरी की उपनदियाँ निकलती हैं।

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नर्मदा-सोन घाटी: एक भौगोलिक अध्ययन

नर्मदा-सोन घाटी: एक भौगोलिक अध्ययन

नर्मदा-सोन घाटी मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियों में सम्मिलित नर्मदा, जिसे प्रायः “राज्य की जीवनरेखा” कहा जाता है, एवं मोक्षदायिनी सोन नदी के जलग्रहण क्षेत्र को नर्मदा-सोन घाटी के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र न केवल जलस्रोतों की उपलब्धता, बल्कि भू-आकृतिक संरचना, कृषि संभावनाओं एवं खनिज संसाधनों की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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रीवा-पन्ना पठार: भूगोल, प्राकृतिक संसाधन व प्रमुख तथ्य (MP GK)

रीवा-पन्ना पठार: भूगोल, प्राकृतिक संसाधन व प्रमुख तथ्य (MP GK)

रीवा-पन्ना पठार मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित 31,955 km² का क्षेत्र है, जिसे “विन्ध्यन कगार प्रदेश” भी कहा जाता है। इसकी सर्वोच्च चोटी सद्भावना शिखर (752 m) है; प्रमुख नदियाँ टोंस व केन हैं, वार्षिक वर्षा 112.5-125 cm और ग्रीष्म तापमान 40-42.5 °C तक पहुँचता है।

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