रेड-ईयर्ड स्लाइडर (RES) कछुआ: एक आक्रामक विदेशी प्रजाति
समाचार का कारण: पर्यावरण मंत्रालय ने गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और महानदी घाटियों में इस विदेशी कछुए की बढ़ती आबादी पर चिंता जताई है और राज्यों से तत्काल सर्वेक्षण की मांग की है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (पर्यावरण, जैव आक्रमण): यह विषय जैव आक्रमण (Biological Invasion) और इसके पारिस्थितिक प्रभावों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रीलिम्स: प्रश्न IUCN श्रेणी (Least Concern, लेकिन Invasive) पर आधारित हो सकते हैं।
मुख्य बिंदु:
यह कछुआ मूल रूप से अमेरिका का निवासी है।
इसकी तेज प्रजनन दर और सर्वाहारी आदतें इसे स्थानीय प्रजातियों, जैसे इंडियन रूफ्ड टर्टल (Indian Roofed Turtle), के लिए खतरा बनाती हैं।
यह साल्मोनेला (Salmonella) जैसे रोगजनकों का वाहक है, जो मनुष्यों और मछली पालन के लिए जोखिम पैदा करता है।
यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (Wildlife (Protection) Act) में सूचीबद्ध नहीं है, जिससे इसके आयात को नियंत्रित करना मुश्किल है।
‘हरिजन’ शब्द पर औपचारिक प्रतिबंध
समाचार का कारण: ओडिशा सरकार ने राजपत्रों, प्रमाण-पत्रों और विज्ञापनों में ‘हरिजन’ शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-II (समाज और शासन): यह भाषाई संवेदनशीलता और सामाजिक गरिमा से संबंधित मुद्दों को दर्शाता है।
मुख्य बिंदु:
यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 17 और अनुच्छेद 46 पर आधारित है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में सभी राज्यों को इसी तरह के निर्देश जारी किए थे।
यह शब्द, जिसका उपयोग महात्मा गांधी ने 1932 में किया था, आज दलित आंदोलन द्वारा अस्वीकार किया जाता है।
इस प्रतिबंध का उद्देश्य प्रशासनिक डेटा में एकरूपता लाना और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देना है।
बांग्लादेशी जूट पर बंदरगाह-विशेष प्रतिबंध
समाचार का कारण:विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने बांग्लादेश से “सैकिंग क्लॉथ” और “हेसियन बैग्स” के आयात को केवल न्हावा-शेवा बंदरगाह तक सीमित कर दिया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (अर्थव्यवस्था – व्यापार नीति): यह DGFT के कानूनी आधार और पोर्ट प्रतिबंध के बीच के अंतर को समझने में सहायक है।
मुख्य बिंदु:
इस कदम का उद्देश्य बंगाल और असम के 40 लाख जूट किसानों की रक्षा करना है।
यह WTO नियमों का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि यह एक पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।
इसका उद्देश्य अवैध अंडर-इनवॉयसिंग को रोकना और घरेलू उद्योग को सहारा देना है, जिसमें 2.5 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार हैं।
SHRESTH: औषधि नियामक उत्कृष्टता सूचकांक
समाचार का कारण: स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार राज्यों के दवा-नियंत्रण प्रदर्शन को रैंक करने के लिए यह सूचकांक जारी किया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-II (सुशासन), GS-III (विज्ञान एवं तकनीक): यह फेडरल कॉम्पिटिशन और सुशासन का एक उदाहरण है।
मुख्य बिंदु:
यह सूचकांक पांच स्तंभों पर आधारित है, जिसमें लाइसेंसिंग समय, GMP निरीक्षण, ई-गवर्नेंस, फार्माकोविजिलेंस और पारदर्शिता शामिल हैं।
डेटा को NIC द्वारा स्वतः खींचा जाएगा, जिससे मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
इसका उद्देश्य हाल के कफ-सीरप विवादों के बाद भारतीय दवा उद्योग पर वैश्विक विश्वास (Global Trust) को बहाल करना है।
INS उदयगिरि व हिमगिरि (प्रोजेक्ट 17A)
समाचार का कारण: ये दोनों स्टील्थ फीचर वाले युद्धपोत 26 अगस्त को कमीशन किए जाएंगे, जिनमें 75% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (रक्षा): ये ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
मुख्य बिंदु:
युद्धपोतों में ब्रह्मोस Block-II, बराक-8 SAM और भारतीय मूल के अन्य हथियार प्रणालियां शामिल हैं।
इनका निर्माण मझगांव डॉक और GRSE द्वारा किया गया है।
ये हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता का मुकाबला करने के लिए भारत की नौसैनिक क्षमता को मजबूत करेंगे।
उत्तर प्रदेश MSME औद्योगिक एस्टेट नीति-2025
समाचार का कारण: राज्य कैबिनेट ने इस मसौदा नीति को सार्वजनिक चर्चा के लिए जारी किया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (आर्थिक विकास): यह रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्य बिंदु:
नीति में SC/ST उद्यमियों के लिए 10% आरक्षण और भूमि का ई-नीलामी द्वारा आवंटन शामिल है।
यह “स्पोक-हब मॉडल” पर आधारित है।
इसका लक्ष्य 2030 तक 2 करोड़ रोजगार सृजित करना और GSDP में 35% का योगदान देना है।
उत्तर प्रदेश: दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
समाचार का कारण:MoSPI के आंकड़ों के अनुसार, FY 24 में उत्तर प्रदेश की GSDP वृद्धि 8.9% रही।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (क्षेत्रीय अर्थशास्त्र): यह डेटा उत्तर लेखन में क्षेत्रीय विकास और डेटा संचार के लिए उपयोगी है।
मुख्य बिंदु:
पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लॉजिस्टिक लागत में कमी आने का अनुमान है।
राज्य की प्रति व्यक्ति GSDP अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है, जो एक चुनौती है।
विक्रम साराभाई की 106वीं जयंती
समाचार का कारण:ISRO ने उनकी 106वीं जयंती पर एक स्मारक डाक-टिकट जारी किया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (विज्ञान प्रौद्योगिकी इतिहास): व्यक्तित्व-आधारित प्रश्नों के लिए महत्वपूर्ण।
मुख्य बिंदु:
इन्होंने INCOSPAR (1962) और ISRO (1969) की स्थापना की।
इन्होंने भारत के पहले उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ (1975) की संकल्पना की।
उनकी “साइंस फॉर सोसाइटी” की दृष्टि यूपीएससी निबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण उद्धरण है।
राजस्थान: ड्रोन-आधारित क्लाउड सीडिंग
समाचार का कारण: जयपुर के पास रामगढ़ झील को पुनर्जीवित करने के लिए 60-दिवसीय पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (विज्ञान-पर्यावरण): यह भू-इंजीनियरिंग (Geo-engineering) और नई तकनीकों के उपयोग का एक उदाहरण है।
मुख्य बिंदु:
इस प्रोजेक्ट में ड्रोन का उपयोग करके सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव किया जाएगा।
इसका उद्देश्य भू-जल स्तर को 6 मीटर तक बढ़ाना है।
इस तकनीक से जुड़े जोखिमों में मानसून पैटर्न में बदलाव और सिल्वर आयोडाइड की पारिस्थितिक विषाक्तता शामिल है।
लेसर फ्लोरिकन संरक्षण संकट
समाचार का कारण: एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, राजस्थान के घास के मैदानों में केवल एक प्रजनन नर बचा है, और इसकी आबादी में 97% की गिरावट आई है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (पर्यावरण जैव विविधता): यह वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता के नुकसान से संबंधित है।
मुख्य बिंदु:
यह पक्षी IUCN की ‘Critically Endangered’ श्रेणी में है।
इसके अस्तित्व को घासभूमि के विनाश, आवारा कुत्तों के शिकार और कीटनाशकों से खतरा है।
इसके संरक्षण के लिए एक समर्पित ‘प्रोजेक्ट बस्टर्ड’ और सुरक्षित प्रजनन स्थलों का निर्माण प्रस्तावित है।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन: चार नए प्लांट्स
समाचार का कारण: कैबिनेट समिति ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चिप-विनिर्माण और ATMP इकाइयों की स्थापना को मंजूरी दी है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (अर्थव्यवस्था एवं प्रौद्योगिकी): यह आत्मनिर्भरता और वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में भारत की भूमिका को दर्शाता है।
मुख्य बिंदु:
कुल निवेश ₹76,000 करोड़ है।
प्रोत्साहन में 50% पूंजी सब्सिडी और PLI के तहत 6% का रीइम्बर्समेंट शामिल है।
यह पहल ‘Chip-4’ से अलग एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करके चीन पर निर्भरता को कम करेगी।
BHU-NEER पोर्टल: भू-जल NOC का एकीकृत मंच
समाचार का कारण:केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण (CGWA) ने भू-जल निकासी के लिए NOC जारी करने हेतु एक क्विक-रिस्पांस-कोड आधारित पोर्टल शुरू किया है।
परीक्षा के लिए महत्व:
GS-III (पर्यावरण & सुशासन): यह ‘डिजिटल इंडिया’ पहल का एक सफल केस-स्टडी है।
मुख्य बिंदु:
इस पोर्टल से NOC अनुमोदन का समय 60 दिन से घटकर 15 दिन हो गया है।
20 हॉर्स-पावर से ऊपर के ट्यूबवेल के लिए NOC अनिवार्य है।
यह पोर्टल राज्यों के हाइड्रोग्राफ नेटवर्क के साथ डेटा साझा करेगा।
उत्तर-लेखन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
डेटा को हाइलाइट करें: महत्वपूर्ण आंकड़ों को याद रखने के लिए उन्हें बोल्ड या अंडरलाइन करें।
संरचना: उत्तर की शुरुआत “समाचारों में क्यों” और “परीक्षा के लिए महत्व” वाले बिंदुओं से करें।
इंटर-लिंकिंग: विभिन्न विषयों को आपस में जोड़कर बहु-आयामी उत्तर लिखें।