Preamble to the Constitution Indian The word ‘preamble’ denotes the introductory section or prefatory statement of the Constitution, encapsulating its core principles and underlying philosophy. It conveys the fundamental spirit...
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राज्य सभा क्या है – गठन, शक्तियां, सदस्य निर्वाचन 2025 | UPSC
राज्य सभा भारत की संसद का ऊपरी सदन है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं - 238 निर्वाचित और...
Read Moreसंसदीय प्रणाली
Concept आधुनिक लोकतांत्रिक शासनों को कार्यपालिका और विधायिका के आपसी संबंधों की प्रकृति के आधार पर अध्यक्षीय प्रणाली तथा संसदीय प्रणाली में वर्गीकृत किया जाता है। अध्यक्षीय शासन प्रणाली वह...
Read Moreसंविधान संशोधन (Amendment of the Constitution)
संविधान संशोधन क्या है? (Amendment of the Constitution) सामाजिक परिवर्तनों, राजनीतिक उथल-पुथल तथा समय के साथ उत्पन्न होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तिनीय कारकों के परिणामस्वरूप, अनेक राष्ट्रों ने अपने संविधान की...
Read Moreभारतीय संविधान में नागरिको के मूल कर्तव्य (Fundamental Duties)
नागरिको के मूल कर्तव्य सामान्य रूप से मूल कर्तव्य उन नागरिकीय नैतिक दायित्वों को इंगित करते हैं जो राष्ट्रभक्ति की भावना तथा राष्ट्र की एकता एवं अखंडता के संरक्षण में...
Read Moreराज्य की नीति के निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)
सामान्य परिप्रेक्ष्य में, राज्य की नीति के निदेशक तत्वों को उन कल्याणकारी आदर्शों का समुच्चय माना जाता है जिन्हें प्रत्येक सरकार को अपने नीतिगत निर्णयों एवं विधि-निर्माण के समय सदैव...
Read Moreसंस्कृति एवं शिक्षा से संबंधित अधिकार तथा संवैधानिक उपचार का अधिकार
अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की सुरक्षा (Protection of Interests of Minorities) अनुच्छेद 29(1) – भारत के भीतर निवास करने वाले सभी नागरिकों को, जिनकी अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि, अथवा संस्कृति...
Read Moreधर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion) (अनुच्छेद 25-28)
(Right to Freedom of Religion) (अनुच्छेद 25-28) अनुच्छेद 25(1) के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को अंतःकरण की स्वतंत्रता तथा धर्म को अबाध रूप से स्वीकारने, उसका पालन करने तथा प्रचार करने...
Read Moreशोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation) (अनुच्छेद 23-24)
शोषण के विरुद्ध अधिकार मानव दुर्व्यापार और अनैच्छिक श्रम का निषेध (Prohibition of Human Trafficking and Forced Labour): अनुच्छेद 23(1) के अंतर्गत, मानव दुर्व्यापार, बेगार तथा किसी भी प्रकार के...
Read Moreस्वतंत्रता का अधिकार क्या है? (अनुच्छेद 19-22) (Right to Freedom)
स्वतंत्रता का अधिकार भारतीय संविधान में निहित एक मौलिक और अत्यंत महत्वपूर्ण अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 19 से 22 तक भारतीय नागरिकों को विभिन्न प्रकार की स्वतंत्रता-संबंधी अधिकारों की...
Read Moreसमानता का अधिकार अनुच्छेद 14 से 18 क्या है? (Right to Equality)
विधि के समक्ष समता (Equality before Law) अनुच्छेद 14 के अनुसार, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को न तो कानून के समक्ष समानता से वंचित किया जा सकता...
Read Moreमूल अधिकार (Fundamental Rights)
मूल अधिकार व्यक्ति के सर्वांगीण बौद्धिक, नैतिक, एवं आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। ये अधिकार नागरिक को उसकी निजी पहचान गढ़ने और सर्वोत्तम हितों की प्राप्ति में...
Read Moreभारतीय संविधान भाग 2 नागरिकता (Citizenship) (अनुच्छेद 5-अनुच्छेद 11)
नागरिकता का क्या अर्थ है? किसी भी राष्ट्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को दो प्रमुख वर्गों में श्रेणीकृत किया जाता है—नागरिक और विदेशी। नागरिक वह व्यक्ति होता है जिसे...
Read Moreभारतीय संघ और इसके राज्यक्षेत्र (भाग-1 में अनुच्छेद 1 से अनुच्छेद 4 तक)
संवैधानिक उपबंध (Constitutional Provision) भारतीय संविधान के भाग-1 में अनुच्छेद 1 से अनुच्छेद 4 तक भारतीय संघ और इसके राज्यक्षेत्रों का उल्लेख किया गया है। राज्यों का संघ (Union of...
Read Moreभारत के संविधान की प्रस्तावना | Preamble UPSC Notes 2025
भारत के संविधान की उद्देशिका भारत के संविधान की प्रस्तावना संविधान का प्रारंभिक भाग है जो देश के आदर्शों और लक्ष्यों को परिभाषित करती है। यह भारत को संप्रभु, समाजवादी,...
Read MoreAbout Our Indian Constitution Section
Welcome to the Indian Constitution Hub at StudyHub.net.in – your comprehensive guide to understanding the supreme law of India.
🇮🇳 What Is the Constitution of India?
The Constitution of India is the supreme law of the land, laying down the framework that defines the political principles, establishes the structure, procedures, powers, and duties of government institutions, and sets out fundamental rights, directive principles, and duties of citizens.
It was adopted on 26th November 1949 and came into effect on 26th January 1950, a date now celebrated annually as Republic Day.
📚 Structure of the Constitution
The Constitution of India is divided into 25 Parts, comprising 448 Articles and 12 Schedules.
Preamble
Declares India as a Sovereign, Socialist, Secular, Democratic Republic. Outlines the objectives: Justice, Liberty, Equality, and Fraternity.
Parts I-IVA: The Foundation
- Part I – The Union and its Territory (Articles 1–4): Defines the territory of India.
- Part II – Citizenship (Articles 5–11): Specifies who are citizens of India.
- Part III – Fundamental Rights (Articles 12–35): Guarantees individual rights.
- Part IV – Directive Principles of State Policy (Articles 36–51): Guidelines for a just society.
- Part IVA – Fundamental Duties (Article 51A): Moral obligations of all citizens.
Parts V-VIII: Governance Structure
- Part V – The Union (Articles 52–151): Covers the Executive, Parliament, and Supreme Court.
- Part VI – The States (Articles 152–237): Covers Governors, State Legislatures, and High Courts.
- Part VIII – The Union Territories (Articles 239–242): Governance of UTs.
Parts IX-XI: Local Government & Relations
- Part IX, IXA, IXB: Establishes Panchayats, Municipalities, and Co-operative Societies.
- Part X – The Scheduled and Tribal Areas: Special administration provisions.
- Part XI – Relations between the Union and the States: Distribution of legislative and administrative powers.
Other Key Parts
Includes parts on Finance (XII), Trade (XIII), Services (XIV), Elections (XV), Official Language (XVII), Emergency Provisions (XVIII), and Amendment procedures (XX).
📘 Schedules of the Constitution
The 12 Schedules provide detailed provisions and lists on various administrative subjects.
🎯 Why This Section Matters
Understanding the Constitution is essential for students preparing for exams (UPSC, SSC), educators, professionals, and all informed citizens.
हमारे भारतीय संविधान अनुभाग के बारे में
स्टडीहब.नेट.इन पर भारतीय संविधान हब में आपका स्वागत है - भारत के सर्वोच्च कानून को समझने के लिए आपका व्यापक गाइड।
🇮🇳 भारत का संविधान क्या है?
भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जो राजनीतिक सिद्धांतों को परिभाषित करने वाली रूपरेखा तैयार करता है, सरकारी संस्थानों की संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों को स्थापित करता है, और मौलिक अधिकारों, निर्देशक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को निर्धारित करता है।
इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसे अब हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
📚 संविधान की संरचना
भारत का संविधान 25 भागों में विभाजित है, जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ शामिल हैं।
प्रस्तावना
भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है। उद्देश्य: न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व।
भाग I-IVA: नींव
- भाग I – संघ और उसका राज्यक्षेत्र (अनुच्छेद 1-4): भारत के क्षेत्र को परिभाषित करता है।
- भाग II – नागरिकता (अनुच्छेद 5-11): यह निर्दिष्ट करता है कि भारत के नागरिक कौन हैं।
- भाग III – मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35): व्यक्तिगत अधिकारों की गारंटी देता है।
- भाग IV – राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत (अनुच्छेद 36-51): एक न्यायपूर्ण समाज के लिए दिशानिर्देश।
- भाग IVA – मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51A): सभी नागरिकों के नैतिक दायित्व।
भाग V-VIII: शासन संरचना
- भाग V – संघ (अनुच्छेद 52-151): कार्यपालिका, संसद और सर्वोच्च न्यायालय को शामिल करता है।
- भाग VI – राज्य (अनुच्छेद 152-237): राज्यपालों, राज्य विधानसभाओं और उच्च न्यायालयों को शामिल करता है।
- भाग VIII – केंद्र शासित प्रदेश (अनुच्छेद 239-242): केंद्र शासित प्रदेशों का शासन।
भाग IX-XI: स्थानीय सरकार और संबंध
- भाग IX, IXA, IXB: पंचायतें, नगरपालिकाएं और सहकारी समितियां स्थापित करता है।
- भाग X – अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र: विशेष प्रशासन प्रावधान।
- भाग XI – संघ और राज्यों के बीच संबंध: विधायी और प्रशासनिक शक्तियों का वितरण।
अन्य प्रमुख भाग
वित्त (XII), व्यापार (XIII), सेवाएं (XIV), चुनाव (XV), राजभाषा (XVII), आपातकालीन प्रावधान (XVIII), और संशोधन प्रक्रिया (XX) पर भाग शामिल हैं।
📘 संविधान की अनुसूचियाँ
12 अनुसूचियाँ विभिन्न प्रशासनिक विषयों पर विस्तृत प्रावधान और सूचियाँ प्रदान करती हैं।
🎯 यह अनुभाग क्यों महत्वपूर्ण है
संविधान को समझना छात्रों (UPSC, SSC), शिक्षकों, पेशेवरों और सभी सूचित नागरिकों के लिए आवश्यक है।