संवैधानिक विधि (Constitutional Law) क्या है ?,संवैधानिक कानून कितने प्रकार के होते हैं?

संवैधानिक कानून/विधि का अर्थ क्या होता है?

संविधानिक विधि किसी राष्ट्र की मूलभूत विधि होती है, जिसमें संविधान के प्रावधान शामिल होते हैं। यह विधि उन नियमों को संदर्भित करती है जो सरकार के विभिन्न अंगों, उनके आपसी संबंधों और प्रमुख कार्यों को नियंत्रित करते हैं। यद्यपि संवैधानिक विधियाँ अधिनियमित नहीं होती हैं, फिर भी वे सरकार पर बाध्यकारी होती हैं और शासन संचालन इन्हीं के आधार पर किया जाता है। संवैधानिक विधियों के स्रोत विस्तृत होते हैं, जिनमें प्रथाएँ, कानून, और नियम सम्मिलित होते हैं।

संवैधानिक विधि/कानून कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Laws)

1. सकारात्मक विधि (Positive Law)

वे विधियाँ जो व्यक्तियों द्वारा निर्मित होती हैं, उन्हें सकारात्मक विधि कहा जाता है। आधुनिक लोकतांत्रिक राष्ट्रों की विधायिका द्वारा बनाई गई विधियाँ इसी श्रेणी में आती हैं।

2. प्राकृतिक विधि (Natural Law)

प्राकृतिक विधियाँ वे विधियाँ होती हैं जिन्हें प्रकृति प्रदत्त माना जाता है। ये सार्वभौमिक और नैतिक प्रवृत्ति से युक्त होती हैं। जिन राष्ट्रों में न्यायपालिका सशक्त होती है, वहाँ प्राकृतिक विधियों को संरक्षण मिलता है। यदि कोई सामान्य विधि प्राकृतिक विधियों का उल्लंघन करती है, तो न्यायपालिका उसे निरस्त कर सकती है। उदाहरणस्वरूप, यदि कोई विधि सम्यक प्रक्रिया के बिना किसी व्यक्ति को जीवन के अधिकार से वंचित करती है, तो न्यायालय उसे अमान्य घोषित कर सकता है।

3. लोक विधि (Common Law)

लोक विधियाँ लिखित नहीं होतीं, बल्कि प्रथाओं, परंपराओं और न्यायिक निर्णयों पर आधारित होती हैं। जब संवैधानिक विधियों का अभाव होता है, तब लोक विधियाँ प्रभावी होती हैं।

4. दैवीय विधि (Divine Law)

दैवीय विधियों का आधार धार्मिक मान्यताएँ होती हैं और वे उन देशों में लागू होती हैं जहाँ शासन धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित होता है। ये विधियाँ किसी पवित्र ग्रंथ पर आधारित होती हैं और इनके निर्वहन का उत्तरदायित्व धार्मिक नेताओं पर होता है।

संविधान और अन्य विधियों में अंतर (Difference between Constitution and Other Laws)

  1. संविधान के प्रावधान देश की मूलभूत विधि होते हैं, जबकि अन्य विधियाँ संवैधानिक प्रावधानों के अधीन होती हैं।
  2. जिन देशों का संविधान लिखित होता है, वहाँ न्यायालय उन सामान्य विधियों को अवैध घोषित कर सकता है जो संवैधानिक भावनाओं के विरुद्ध होती हैं।
  3. संवैधानिक प्रावधान आरोपित (entrenched) होते हैं, जिनमें संशोधन के लिए विशेष प्रक्रियाएँ अपनानी पड़ती हैं।

सरकार के प्रमुख अंग कौन से हैं? (Organs of Government)

शासन व्यवस्था की मुख्य तीन चुनौतियाँ होती हैं:

  1. विधि निर्माण
  2. शासन संचालन
  3. न्यायिक विवादों का समाधान

इन चुनौतियों के समाधान हेतु सरकार के तीन प्रमुख अंग होते हैं:

  1. विधायिका (Legislature)
  2. कार्यपालिका (Executive)
  3. न्यायपालिका (Judiciary)

विधायिका से आप क्या समझते हैं? (Legislature)

विधायिका सरकार का वह अंग है जो विधियों का निर्माण करता है। ऐतिहासिक रूप से राजतंत्रों में विधि निर्माण की शक्ति राजा के पास होती थी, जबकि आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में यह विधायिका के माध्यम से नागरिकों की इच्छाओं पर आधारित होती है।

विधायिका सामान्यतः द्विसदनीय होती है, जैसे भारत में लोकसभा और राज्यसभा। लोकसभा को प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाता है और इसका विधि निर्माण में प्रमुख योगदान होता है। संघात्मक शासन प्रणाली में दूसरे सदन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है, जहाँ राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।

विधायिका का क्या कार्य है?

  • विधि निर्माण
  • कार्यपालिका पर नियंत्रण
  • वित्तीय कार्य
  • विमर्शात्मक कार्य
  • न्यायिक कार्य

कार्यपालिका किसे कहते हैं? (Executive)

कार्यपालिका वह अंग होता है जो विधायिका द्वारा निर्मित विधियों को लागू करता है। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री परिषद और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होते हैं। कार्यपालिका दो प्रकार की होती है:

  1. राजनीतिक कार्यपालिका – निर्वाचित प्रतिनिधि, जैसे प्रधानमंत्री और मंत्रीगण।
  2. प्रशासनिक कार्यपालिका – स्थायी अधिकारी, जो योग्यता के आधार पर चयनित होते हैं।

कार्यपालिका कितने प्रकार की होती है?

  1. अध्यक्षीय कार्यपालिका (Presidential Executive) – जैसे अमेरिका में, राष्ट्रपति जनता द्वारा निर्वाचक मंडल के माध्यम से चुना जाता है।
  2. संसदीय कार्यपालिका (Parliamentary Executive) – जैसे भारत और ब्रिटेन में, कार्यपालिका का गठन विधायिका से किया जाता है।
  3. दोहरी कार्यपालिका (Dual Executive) – जैसे फ्रांस में, कार्यपालिका की शक्तियाँ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच विभाजित होती हैं।
  4. बहुल कार्यपालिका (Plural Executive) – जैसे स्विट्जरलैंड में, कार्यपालिका के सभी सदस्य समान शक्तियों से युक्त होते हैं।

कार्यपालिका के प्रमुख कार्य  क्या हैं?

  • प्रशासनिक कार्य
  • कूटनीतिक कार्य
  • सैन्य कार्य
  • विधायी कार्य
  • वित्तीय कार्य
  • न्यायिक कार्य

न्यायपालिका (Judiciary)  क्या हैं?

न्यायपालिका वह अंग होता है जो विवादों का समाधान करता है और संवैधानिक व्याख्या प्रदान करता है। यह निम्नलिखित प्रकार के विवादों का निपटारा करती है:

  1. नागरिकों के आपसी विवाद
  2. नागरिकों और सरकार के बीच विवाद
  3. केंद्र और राज्य या राज्यों के मध्य विवाद

संघात्मक शासन प्रणालियों में न्यायपालिका अधिक शक्तिशाली होती है, जैसे भारत में। भारत में न्यायपालिका को न्यायिक समीक्षा और मूल संरचना सिद्धांत के माध्यम से सशक्त बनाया गया है।

न्यायपालिका के प्रमुख कार्य  क्या हैं?

  • विवादों का समाधान
  • विधियों का उल्लंघन होने पर दंड देना
  • विधियों की व्याख्या
  • संविधान की सुरक्षा करना
  • नागरिक अधिकारों की रक्षा करना
  • विभागीय निर्णयों के विरुद्ध अपील सुनना
  • सरकार को परामर्श देना

शासन के तीनों अंगों के बीच संबंध (Relations between the Three Organs of Governance)

शासन के तीनों अंगों के संबंध विभिन्न शासन प्रणालियों में अलग-अलग होते हैं:

  1. राजतंत्रीय व्यवस्था (Monarchical System) – तीनों अंग आपस में जुड़े होते हैं और राजा सर्वोच्च होता है।
  2. संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) – विधायिका और कार्यपालिका परस्पर संबद्ध होते हैं, जबकि न्यायपालिका स्वतंत्र होती है।
  3. अध्यक्षीय प्रणाली (Presidential System) – तीनों अंग स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं और एक-दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

संविधान किसी राष्ट्र की आधारभूत विधि होती है, जो विभिन्न सरकारी अंगों और उनके कार्यों को नियंत्रित करती है। विधायिका विधि निर्माण करती है, कार्यपालिका उसे लागू करती है, और न्यायपालिका विवादों का समाधान करती है। सरकार के तीनों अंगों के बीच संतुलन बनाए रखना लोकतांत्रिक प्रणाली के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक होता है।

FAQs

संवैधानिक विधि से आप क्या समझते हैं?

संविधानिक विधि किसी राष्ट्र की मूलभूत विधि होती है, जिसमें संविधान के प्रावधान शामिल होते हैं। यह विधि सरकार के विभिन्न अंगों, उनके आपसी संबंधों और प्रमुख कार्यों को नियंत्रित करती है।

संवैधानिक कानून कितने प्रकार के होते हैं?

संवैधानिक कानून मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं:
सकारात्मक विधि (Positive Law)
प्राकृतिक विधि (Natural Law)
लोक विधि (Common Law)
दैवीय विधि (Divine Law)

संविधान और अन्य विधियों में क्या अंतर है

संविधान देश की मूलभूत विधि होती है, जबकि अन्य विधियाँ संवैधानिक प्रावधानों के अधीन होती हैं। संवैधानिक प्रावधानों में संशोधन के लिए विशेष प्रक्रियाएँ अपनानी पड़ती हैं।

सरकार के तीन अंग कौन से हैं?

सरकार के तीन प्रमुख अंग होते हैं:
विधायिका (Legislature)
कार्यपालिका (Executive)
न्यायपालिका (Judiciary)

विधायिका से आप क्या समझते हैं?

विधायिका सरकार का वह अंग है जो विधियों का निर्माण करता है। यह सामान्यतः द्विसदनीय होती है, जैसे भारत में लोकसभा और राज्यसभा।

विधायिका का क्या कार्य है?

विधायिका के प्रमुख कार्य हैं:
विधि निर्माण
कार्यपालिका पर नियंत्रण
वित्तीय कार्य
विमर्शात्मक कार्य
न्यायिक कार्य

कार्यपालिका किसे कहते हैं?

कार्यपालिका वह अंग होता है जो विधायिका द्वारा निर्मित विधियों को लागू करता है। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री परिषद और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होते हैं।

कार्यपालिका कितने प्रकार की होती है?

कार्यपालिका चार प्रकार की होती है:
अध्यक्षीय कार्यपालिका (Presidential Executive)
संसदीय कार्यपालिका (Parliamentary Executive)
दोहरी कार्यपालिका (Dual Executive)
बहुल कार्यपालिका (Plural Executive)

कार्यपालिका के प्रमुख कार्य क्या हैं?

कार्यपालिका के प्रमुख कार्य हैं:
प्रशासनिक कार्य
कूटनीतिक कार्य
सैन्य कार्य
विधायी कार्य
वित्तीय कार्य
न्यायिक कार्य

न्यायपालिका क्या होती है?

न्यायपालिका वह अंग होता है जो विवादों का समाधान करता है और संवैधानिक व्याख्या प्रदान करता है।

न्यायपालिका के कितने प्रकार होते हैं?

न्यायपालिका मुख्यतः तीन प्रकार की होती है:
अधीनस्थ न्यायालय
उच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय

न्यायपालिका की नियुक्ति कौन करता है?

भारत में न्यायपालिका की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है

संविधान का दूसरा नाम क्या है?

संविधान को “मूलभूत विधि” या “सुप्रीम लॉ” भी कहा जाता है।

संसद के कितने सदन होते हैं?

भारतीय संसद में दो सदन होते हैं:
लोकसभा
राज्यसभा

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