मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र
मध्यप्रदेश में 6 प्रमुख अपवाह तंत्र—गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही और महानदी—स्थित हैं, जिनमें सबसे बड़ा गंगा अपवाह तंत्र है और सबसे छोटा महानदी अपवाह तंत्र है; नर्मदा राज्य का दूसरा सबसे बड़ा तंत्र है, जबकि ताप्ती, माही और गोदावरी सीमित जिलों में फैले हुए हैं। संक्षेप तालिकाएँ, उप‑अपवाह क्षेत्र, प्रमुख सहायक नदियाँ और राज्यवार विस्तार नीचे दिए गए हैं।
परिचय
नदी अपवाह तंत्र किसी क्षेत्र की जल निकासी प्रणाली को दर्शाता है, जो प्राकृतिक जल प्रवाह के मार्ग को निर्धारित करता है। मध्यप्रदेश में विभिन्न प्रमुख नदी अपवाह तंत्र हैं, जो राज्य की जलवायु, भूगर्भीय संरचना और जल संसाधनों की उपलब्धता को प्रभावित करते हैं।
- कुल अपवाह तंत्र: 6
- सबसे बड़ा: गंगा (1,81,065.5 किमी² MP प्रभावित क्षेत्र संदर्भ सहित)
- दूसरा: नर्मदा (98,796 किमी²)
- सबसे छोटा: महानदी (154 किमी² MP में)
- प्रमुख उप‑अपवाह: यमुना/टोंस/सोन (गंगा तंत्र)
- परीक्षा‑टिप: गंगा सबसे बड़ा तंत्र, महानदी सबसे छोटा

गंगा नदी अपवाह तंत्र
मध्यप्रदेश का उत्तरी भाग विभिन्न नदियों के माध्यम से गंगा नदी के जल निकासी तंत्र में शामिल है, जो अंततः बंगाल की खाड़ी में मिलती है। गंगा अपवाह तंत्र राज्य का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है, जिसका क्षेत्रफल 1,81,065.5 वर्ग किलोमीटर है। यह अपवाह तंत्र राज्य के लगभग 35 जिलों को आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित करता है।
गंगा अपवाह तंत्र के उप-अपवाह क्षेत्र:
मध्यप्रदेश में गंगा अपवाह तंत्र को तीन उप-अपवाह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है—
- यमुना अपवाह क्षेत्र: प्रमुख नदियाँ – चंबल, केन, पैसुनी, बेतवा, सिंध आदि।
- टोंस अपवाह क्षेत्र: प्रमुख नदियाँ – बीहड़, बिछिया, बेलन, महाना आदि।
- सोन अपवाह क्षेत्र: प्रमुख नदियाँ – जोहिला, रिहंद, गोपद, बनास आदि।
गंगा अपवाह तंत्र निम्नलिखित राज्यों में विस्तारित है:
राज्य | क्षेत्रफल प्रतिशत (%) |
---|---|
उत्तर प्रदेश | 28.02% |
मध्यप्रदेश | 21.02% |
राजस्थान | 13.06% |
बिहार | 10.86% |
पश्चिम बंगाल | 8.30% |
उत्तराखंड | 6.15% |
झारखंड | 5.85% |
हरियाणा | 3.99% |
छत्तीसगढ़ | 5.85% |
हिमाचल प्रदेश | 0.50% |
दिल्ली | 0.17% |
Quick Facts
इस अपवाह तंत्र का सर्वाधिक विस्तार उत्तर प्रदेश में है, जिसके बाद मध्यप्रदेश का स्थान आता है।
- क्षेत्रफल (MP प्रभावित): 1,81,065.5 किमी²
- प्रभावित जिले: लगभग 35
- उप‑अपवाह: यमुना (चंबल, केन, पैसुनी, बेतवा, सिंध), टोंस (बीहड़, बिछिया, बेलन, महाना), सोन (जोहिला, रिहंद, गोपद, बनास)
नर्मदा नदी अपवाह तंत्र
नर्मदा नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है, जिसका कुल क्षेत्रफल 98,796 वर्ग किलोमीटर है। इस तंत्र में 41 प्रमुख सहायक नदियाँ सम्मिलित हैं, जो संपूर्ण बेसिन में एक वृक्षाभ (डेंड्राइटिक) अपवाह प्रतिरूप बनाती हैं।
नर्मदा बेसिन का राज्यवार विस्तार:
राज्य | क्षेत्रफल प्रतिशत (%) |
---|---|
मध्यप्रदेश | 88.58% |
महाराष्ट्र | 1.7% |
गुजरात | 8.98% |
छत्तीसगढ़ | 0.74% |
नर्मदा बेसिन मुख्यतः मध्यप्रदेश में विस्तृत है, जबकि महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में इसका आंशिक विस्तार है।
Quick Facts
- क्षेत्रफल: 98,796 किमी²
- सहायक नदियाँ: 41 (डेंड्राइटिक पैटर्न)
- राज्यवार प्रतिशत: MP 88.58%, महाराष्ट्र 1.7%, गुजरात 8.98%, छत्तीसगढ़ 0.74%
ताप्ती नदी अपवाह तंत्र
ताप्ती अपवाह तंत्र की प्रमुख नदी ताप्ती नदी है, जो बैतूल जिले के मुलताई से निकलकर अरब सागर में गिरती है। इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ पूर्णा, गिरना, गोमई और अरुणावती हैं।
इसका कुल अपवाह क्षेत्र 65,145 वर्ग किलोमीटर है, जिससे यह मध्यप्रदेश का चौथा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है।
ताप्ती बेसिन का राज्यवार विस्तार:
राज्य | क्षेत्रफल प्रतिशत (%) |
---|---|
मध्यप्रदेश | 14.2% |
महाराष्ट्र | 76.73% |
गुजरात | 9.07% |
जीआईएस आधारित गणना के अनुसार, ताप्ती नदी अपवाह क्षेत्र 63,432 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है।
Quick Facts
- उद्गम: बैतूल, मुलताई
- प्रवाह: अरब सागर
- सहायक: पूर्णा, गिरना, गोमई, अरुणावती
- क्षेत्रफल: 65,145 किमी²; GIS आधार: 63,432 किमी² (वैरिएंस नोट)
- राज्यवार: MP 14.2%, महाराष्ट्र 76.73%, गुजरात 9.07%
गोदावरी नदी अपवाह तंत्र
गोदावरी नदी का अधिकांश अपवाह क्षेत्र महाराष्ट्र में स्थित है, जबकि मध्यप्रदेश में इसका क्षेत्रफल लगभग 23,767 वर्ग किलोमीटर है।
इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ बेनगंगा, पेंच, वर्धा हैं, जो मध्यप्रदेश में गोदावरी अपवाह तंत्र का निर्माण करती हैं।
गोदावरी बेसिन का राज्यवार विस्तार:
गोदावरी नदी का अपवाह तंत्र महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में फैला हुआ है।
नोट:
गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस नदी का अपवाह क्षेत्र मध्यप्रदेश में 31,821 वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया है। वहीं, कुछ अन्य स्रोतों में यह क्षेत्र 23,388 वर्ग किलोमीटर बताया गया है।
Quick Facts
- MP क्षेत्रफल: लगभग 23,767 किमी²; वैकल्पिक रिपोर्ट: 31,821 किमी² (2021‑22 बोर्ड), अन्य स्रोत: 23,388 किमी² — स्रोतों में भिन्नता नोट
- प्रमुख सहायक: बेनगंगा, पेंच, वर्धा
- फैला हुआ: महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, MP, ओडिशा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी
माही नदी अपवाह तंत्र
माही नदी भारत की उन तीन नदियों में से एक है, जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं। मध्यप्रदेश में इसका अपवाह क्षेत्र मुख्यतः धार, झाबुआ और रतलाम जिलों में फैला हुआ है।
इसका कुल अपवाह क्षेत्र 34,842 वर्ग किलोमीटर है। यह अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान राज्यों में विस्तारित है। इसका सर्वाधिक क्षेत्र राजस्थान में स्थित है।
महानदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे
छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद महानदी बेसिन का केवल 154 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मध्यप्रदेश में बचा है।
मध्यप्रदेश की हसदो नदी इस अपवाह तंत्र का हिस्सा है।
महानदी बेसिन का राज्यवार विस्तार:
महानदी का अपवाह तंत्र मुख्यतः छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और झारखंड राज्यों में फैला हुआ है।
यह मध्यप्रदेश का सबसे छोटा अपवाह तंत्र है।
क्षेत्रफल के आधार पर मध्यप्रदेश के अपवाह तंत्रों की श्रेणीबद्ध सूची
क्षेत्रफल के घटते क्रम में मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र निम्नलिखित हैं:
- गंगा अपवाह तंत्र – 1,81,065.5 वर्ग किलोमीटर
- नर्मदा अपवाह तंत्र – 98,796 वर्ग किलोमीटर
- गोदावरी अपवाह तंत्र – 23,767 – 31,821 वर्ग किलोमीटर (विभिन्न स्रोतों के अनुसार)
- ताप्ती अपवाह तंत्र – 65,145 वर्ग किलोमीटर
- माही अपवाह तंत्र – 34,842 वर्ग किलोमीटर
- महानदी अपवाह तंत्र – 154 वर्ग किलोमीटर
FAQs
मध्यप्रदेश में कुल कितने प्रमुख अपवाह तंत्र हैं?
कुल 6—गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही और महानदी।
मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र कौन‑सा है?
गंगा अपवाह तंत्र—उप‑अपवाह यमुना, टोंस और सोन सहित।
दूसरा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र कौन‑सा है?
नर्मदा अपवाह तंत्र (कुल क्षेत्रफल 98,796 किमी²)।
मध्यप्रदेश में सबसे छोटा अपवाह तंत्र कौन‑सा है?
महानदी अपवाह तंत्र (केवल 154 किमी² MP में)।
ताप्ती अपवाह तंत्र का उद्गम और प्रवाह किस ओर है?
उद्गम बैतूल (मुलताई), प्रवाह पश्चिम की ओर, अरब सागर में गिरती है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश का जल संसाधन विभिन्न नदी अपवाह तंत्रों के माध्यम से संगठित होता है, जिनमें गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही और महानदी प्रमुख हैं। इनमें से गंगा अपवाह तंत्र सबसे बड़ा और व्यापक है, जबकि महानदी अपवाह तंत्र सबसे छोटा है। जल निकासी की इस प्राकृतिक व्यवस्था का राज्य की कृषि, जैव विविधता और आर्थिक गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।