मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र (गंगा अपवाह तंत्र, नर्मदा अपवाह तंत्र, गोदावरी अपवाह तंत्र, ताप्ती अपवाह तंत्र , माही अपवाह तंत्र, महानदी अपवाह तंत्र)

नदी अपवाह तंत्र किसी क्षेत्र की जल निकासी प्रणाली को दर्शाता है, जो प्राकृतिक जल प्रवाह के मार्ग को निर्धारित करता है। मध्यप्रदेश में विभिन्न प्रमुख नदी अपवाह तंत्र हैं, जो राज्य की जलवायु, भूगर्भीय संरचना और जल संसाधनों की उपलब्धता को प्रभावित करते हैं।


मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र (गंगा अपवाह तंत्र, नर्मदा अपवाह तंत्र, गोदावरी अपवाह तंत्र, ताप्ती अपवाह तंत्र , माही अपवाह तंत्र, महानदी अपवाह तंत्र)
मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र (गंगा अपवाह तंत्र, नर्मदा अपवाह तंत्र, गोदावरी अपवाह तंत्र, ताप्ती अपवाह तंत्र , माही अपवाह तंत्र, महानदी अपवाह तंत्र) 2

गंगा नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे

मध्यप्रदेश का उत्तरी भाग विभिन्न नदियों के माध्यम से गंगा नदी के जल निकासी तंत्र में शामिल है, जो अंततः बंगाल की खाड़ी में मिलती है। गंगा अपवाह तंत्र राज्य का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है, जिसका क्षेत्रफल 1,81,065.5 वर्ग किलोमीटर है। यह अपवाह तंत्र राज्य के लगभग 35 जिलों को आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित करता है।

गंगा अपवाह तंत्र के उप-अपवाह क्षेत्र:

मध्यप्रदेश में गंगा अपवाह तंत्र को तीन उप-अपवाह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है—

  1. यमुना अपवाह क्षेत्र: प्रमुख नदियाँ – चंबल, केन, पैसुनी, बेतवा, सिंध आदि।
  2. टोंस अपवाह क्षेत्र: प्रमुख नदियाँ – बीहड़, बिछिया, बेलन, महाना आदि।
  3. सोन अपवाह क्षेत्र: प्रमुख नदियाँ – जोहिला, रिहंद, गोपद, बनास आदि।

गंगा अपवाह तंत्र निम्नलिखित राज्यों में विस्तारित है:

राज्यक्षेत्रफल प्रतिशत (%)
उत्तर प्रदेश28.02%
मध्यप्रदेश21.02%
राजस्थान13.06%
बिहार10.86%
पश्चिम बंगाल8.30%
उत्तराखंड6.15%
झारखंड5.85%
हरियाणा3.99%
छत्तीसगढ़5.85%
हिमाचल प्रदेश0.50%
दिल्ली0.17%

इस अपवाह तंत्र का सर्वाधिक विस्तार उत्तर प्रदेश में है, जिसके बाद मध्यप्रदेश का स्थान आता है।


नर्मदा नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे

नर्मदा नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है, जिसका कुल क्षेत्रफल 98,796 वर्ग किलोमीटर है। इस तंत्र में 41 प्रमुख सहायक नदियाँ सम्मिलित हैं, जो संपूर्ण बेसिन में एक वृक्षाभ (डेंड्राइटिक) अपवाह प्रतिरूप बनाती हैं।

नर्मदा बेसिन का राज्यवार विस्तार:

राज्यक्षेत्रफल प्रतिशत (%)
मध्यप्रदेश88.58%
महाराष्ट्र1.7%
गुजरात8.98%
छत्तीसगढ़0.74%

नर्मदा बेसिन मुख्यतः मध्यप्रदेश में विस्तृत है, जबकि महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में इसका आंशिक विस्तार है।


ताप्ती नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे

ताप्ती अपवाह तंत्र की प्रमुख नदी ताप्ती नदी है, जो बैतूल जिले के मुलताई से निकलकर अरब सागर में गिरती है। इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ पूर्णा, गिरना, गोमई और अरुणावती हैं।

इसका कुल अपवाह क्षेत्र 65,145 वर्ग किलोमीटर है, जिससे यह मध्यप्रदेश का चौथा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है।

ताप्ती बेसिन का राज्यवार विस्तार:

राज्यक्षेत्रफल प्रतिशत (%)
मध्यप्रदेश14.2%
महाराष्ट्र76.73%
गुजरात9.07%

जीआईएस आधारित गणना के अनुसार, ताप्ती नदी अपवाह क्षेत्र 63,432 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है।


गोदावरी नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे

गोदावरी नदी का अधिकांश अपवाह क्षेत्र महाराष्ट्र में स्थित है, जबकि मध्यप्रदेश में इसका क्षेत्रफल लगभग 23,767 वर्ग किलोमीटर है।

इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ बेनगंगा, पेंच, वर्धा हैं, जो मध्यप्रदेश में गोदावरी अपवाह तंत्र का निर्माण करती हैं।

गोदावरी बेसिन का राज्यवार विस्तार:

गोदावरी नदी का अपवाह तंत्र महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में फैला हुआ है।

नोट:
गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस नदी का अपवाह क्षेत्र मध्यप्रदेश में 31,821 वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया है। वहीं, कुछ अन्य स्रोतों में यह क्षेत्र 23,388 वर्ग किलोमीटर बताया गया है।


माही नदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे

माही नदी भारत की उन तीन नदियों में से एक है, जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं। मध्यप्रदेश में इसका अपवाह क्षेत्र मुख्यतः धार, झाबुआ और रतलाम जिलों में फैला हुआ है।

इसका कुल अपवाह क्षेत्र 34,842 वर्ग किलोमीटर है। यह अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान राज्यों में विस्तारित है। इसका सर्वाधिक क्षेत्र राजस्थान में स्थित है।


महानदी अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश मे

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद महानदी बेसिन का केवल 154 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मध्यप्रदेश में बचा है।

मध्यप्रदेश की हसदो नदी इस अपवाह तंत्र का हिस्सा है।

महानदी बेसिन का राज्यवार विस्तार:

महानदी का अपवाह तंत्र मुख्यतः छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और झारखंड राज्यों में फैला हुआ है।

यह मध्यप्रदेश का सबसे छोटा अपवाह तंत्र है।


क्षेत्रफल के आधार पर मध्यप्रदेश के अपवाह तंत्रों की श्रेणीबद्ध सूची

क्षेत्रफल के घटते क्रम में मध्यप्रदेश के प्रमुख अपवाह तंत्र निम्नलिखित हैं:

  1. गंगा अपवाह तंत्र – 1,81,065.5 वर्ग किलोमीटर
  2. नर्मदा अपवाह तंत्र – 98,796 वर्ग किलोमीटर
  3. गोदावरी अपवाह तंत्र – 23,767 – 31,821 वर्ग किलोमीटर (विभिन्न स्रोतों के अनुसार)
  4. ताप्ती अपवाह तंत्र – 65,145 वर्ग किलोमीटर
  5. माही अपवाह तंत्र – 34,842 वर्ग किलोमीटर
  6. महानदी अपवाह तंत्र – 154 वर्ग किलोमीटर

निष्कर्ष

मध्यप्रदेश का जल संसाधन विभिन्न नदी अपवाह तंत्रों के माध्यम से संगठित होता है, जिनमें गंगा, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, माही और महानदी प्रमुख हैं। इनमें से गंगा अपवाह तंत्र सबसे बड़ा और व्यापक है, जबकि महानदी अपवाह तंत्र सबसे छोटा है। जल निकासी की इस प्राकृतिक व्यवस्था का राज्य की कृषि, जैव विविधता और आर्थिक गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

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