विकसित भारत संकल्प यात्रा: 2047 तक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का डिजिटल रोडमैप
संक्षिप्त उत्तर: विकसित भारत संकल्प यात्रा (15 नवम्बर 2023 – 26 जनवरी 2024) भारत सरकार का ग्राम-स्तर तक पहुँचा सबसे बड़ा अभियान है, जिसका लक्ष्य कल्याण-योजनाओं की शत-प्रतिशत पहुँच और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। 75 दिन में 2.6 लाख ग्राम/वार्ड कवर कर, 10.8 करोड़ नागरिकों ने संकल्प लिया और 1.7 करोड़ नए आयुष्मान कार्ड जारी हुए।
सरकार की “विकसित भारत संकल्प यात्रा” देश-भर में वह अभियान है जिसने गाँव-गाँव, शहर-शहर यह संदेश पहुँचाया कि कोई भी पात्र नागरिक कल्याण-योजना के लाभ से वंचित न रहे और हर भारतीय 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बने। इस लेख में यात्रा के उद्घाटन से लेकर तकनीकी नवाचार, आँकड़ों में उपलब्धि, UPSC-दृष्टिकोण और भविष्यगत प्रभावों तक सभी पहलुओं का विश्लेषण किया गया है।
1. अभियान का उद्भव और रूप-रेखा
15 नवंबर 2023 को खूंटी, झारखंड से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरी झंडी दिखाई। 26 जनवरी 2024 तक चली इस 75-दिवसीय यात्रा में IEC मोबाइल वैनों ने 2.6 लाख से अधिक ग्राम-पंचायतों एवं नगरीय वार्डों तक पहुँच बनायी। एलईडी स्क्रीन, इंटरनेट-युक्त टैबलेट, ऑन-स्पॉट पंजीकरण काउंटर और स्वास्थ्य जाँच उपकरण से सुसज्जित वैनों ने योजनाओं को डोर-स्टेप पर ला खड़ा किया।

प्रमुख उद्देश्य
- योजनाओं की संतृप्ति—आयुष्मान भारत, पीएम-किसान, उज्ज्वला, जनधन, स्वनिधि, हर घर जल आदि का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक।
- जन-जागरूकता—दूर-दराज़ क्षेत्रों में योजनाओं और आवेदन-प्रक्रिया की स्पष्ट जानकारी।
- सशक्तिकरण—2047 के विकसित भारत लक्ष्य के लिए सामूहिक संकल्प उत्पन्न करना।
- डाटा-ड्रिवन सुशासन—रियल-टाइम डैशबोर्ड और API-समन्वित प्रक्रियाएँ अपनाना।

2. तकनीकी अवसंरचना: डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस
- रियल-टाइम डैशबोर्ड—हर वैन का GIS नेटवर्क-ट्रैकिंग; लाभार्थी विवरण तुरन्त अपलोड।
- मल्टी-लिंगुअल UX—22 अनुसूचित भाषाओं में एप इंटरफ़ेस; QR-स्कैन से 45 सेकंड में पंजीकरण।
- AI-समर्थित चैटबॉट “सेवा-सहायक”—1.3 करोड़ प्रश्न हल; 92% समाधान-दर।
- API-एकीकृत आवेदन—30+ योजनाएँ एक प्लेटफ़ॉर्म पर; स्वीकृति-समय 35 दिन से घटकर 7 दिन।
3. आँकड़ों में उपलब्धियाँ (26 जनवरी 2024 तक)
सूचकांक | प्राप्ति |
---|---|
शामिल ग्राम/वार्ड | 2,60,000+ |
संकल्प लेने वाले नागरिक | 10.8 करोड़ |
जारी आयुष्मान कार्ड | 1.7 करोड़ |
स्वास्थ्य स्क्रीनिंग | 2.2 करोड़ |
नये पीएम-किसान लाभार्थी | 33 लाख |
स्वनिधि स्वीकृत ऋण | 7.5 लाख |
ड्रोन-डेमो | 87,000 |

4. रणनीतिक नवाचार
- मेरी कहानी-मेरी जुबानी: स्थानीय लाभार्थियों की यूज़र-जनरेटेड सफलता-कथाओं ने अभियान को जन-आंदोलन बनाया और डिजिटल खोज में bharat sankalp yatra जैसे शब्दों को उभार दिया।
- ड्रोन-खेत मॉडल: 87,000 प्रदर्शन के माध्यम से प्रिसिजन-फर्टिलाइजेशन व नैनो-यूरिया का प्रत्यक्ष अनुभव; कीटनाशक व्यय में 20% कमी।

- मिशन डिजिटल साथी: स्वयंसेवकों ने 12 लाख प्रशिक्षण सत्र लेकर बुजुर्गों व आदिवासी भाई-बहनों की डिजिटल साक्षरता में वृद्धि की।
5. UPSC-दृष्टिकोण: क्यों महत्त्वपूर्ण?
- SDG गठजोड़—SDG-1 (गरीबी), SDG-2 (भुखमरी), SDG-3 (स्वास्थ्य), SDG-6 (जल), SDG-8 (उत्पादक रोज़गार) और SDG-10 (असमानता घटाना) सीधे सम्बद्ध।
- गुड गवर्नेंस—लास्ट-माइल डिलीवरी, पब्लिक-पार्टिसिपेशन और डेटा-इंटरऑपरेबिलिटी को केस-स्टडी के रूप में उद्धृत किया जा सकता है।
- विकास प्रशासन—सहभागी लोकतंत्र का व्यावहारिक उदाहरण; सामान्य अध्ययन पेपर II-III के लिए प्रासंगिक।
6. चुनौतियाँ और समाधान
- भौगोलिक कठिनाइयाँ—नक्सल-प्रभावित या पर्वतीय इलाकों में वैन पहुँच; DTH-सैटकॉम और लोकल NGO सहयोग से समाधान।
- डेटा-सुरक्षा—20 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड की गोपनीयता; एन्क्रिप्टेड एज-स्टोरेज व दो-कारक प्रमाणीकरण।
- डिजिटल-डिवाइड—अनपढ़ या बुजुर्ग लाभार्थियों के लिए फॉर्म-फिलिंग; वॉइस-असिस्टेड इंटरफ़ेस और ऑन-फील्ड स्वयंसेवी सहायता।
7. दीर्घकालिक प्रभाव
- आर्थिक समावेशन—जनधन खाते 50 करोड़ के पार; महिला खाताधारक 56% तक पहुँचे।
- स्वास्थ्य सुरक्षा—आयुष्मान कार्डधारी 60 करोड़; बीमा-दावा अस्वीकृति-दर इतिहास-न्यूनतम।
- हर घर जल—13 करोड़ ग्रामीण घरों में नल-जल; फ्लोराइड-रोधी पाइपलाइन में 25% प्रगति।
- डिजिटल सशक्तिकरण—गाँव-गाँव 5G; 2025 तक औसत डाउनलोड 100 Mbps का लक्ष्य।
8. 2047 की ओर दृष्टि
Viksit Bharat Sankalp Yatra ने पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी, इनोवेटिव फाइनेंस और डेटा-इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत आधार दिया है। यदि यही रफ़्तार बनी रही तो 2047 तक भारत न सिर्फ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पार करेगा, बल्कि समावेशी GDP का वैश्विक प्रतिमान भी स्थापित करेगा।
निष्कर्ष

Vikshit Bharat Sankalp Yatra (जिसे लोग bharat viksit sankalp yatra या vikasit bharat sankalp yatra के नाम से भी जानते हैं) कोई एकमुश्त प्रचार कार्य नहीं, बल्कि सूचना, प्रोत्साहन और क्रियान्वयन का संगम है। 10 करोड़ से अधिक नागरिकों की सहभागिता ने यह साबित कर दिया कि जन-भागीदारी तथा टेक-सक्षम सुशासन से संकल्प भारत यात्रा का उद्देश्य—2047 तक आत्मनिर्भर, समावेशी और समृद्ध भारत—सिर्फ सपना नहीं, एक साकार होता हुआ लक्ष्य है।