भारतीय संविधान: अनुच्छेद, भाग और अनुसूचियों के बारे में संपूर्ण जानकारी

भारतीय संविधान के भाग और अनुच्छेदों की सूची

भाग I: संघ और उसका क्षेत्र

भारतीय संविधान का भाग I, जो अनुच्छेद 1 से 4 तक है, संघ के नाम और क्षेत्र से संबंधित है।

भाग II: नागरिकता

भाग II, जो अनुच्छेद 5 से 11 तक है, नागरिकता से संबंधित पहलुओं को संबोधित करता है।

भाग III: मौलिक अधिकार

संविधान का सबसे महत्वपूर्ण खंड भाग III है, जो अनुच्छेद 12 से 35 तक फैला हुआ है। यह भाग भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को परिभाषित करता है, जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, और सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार

भाग IV: राज्य नीति के निदेशक तत्व

भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्य नीति के निदेशक तत्वों पर चर्चा की गई है, जो सरकार को लोगों के कल्याण के लिए कानून और नीतियां बनाने का मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

भाग V: संघ

भाग V में अनुच्छेद 52 से 151 तक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के कार्यों और कर्तव्यों के बारे में बताया गया है।

भाग VI: राज्य

भाग VI, जो अनुच्छेद 152 से 237 तक है, राज्य सरकारों की शक्तियों और कार्यों का विवरण प्रदान करता है।

भाग VII: प्रथम अनुसूची के भाग B में राज्य

भाग VII संविधान की प्रथम अनुसूची के भाग B में सूचीबद्ध राज्यों से संबंधित है।

भाग VIII: केंद्र शासित प्रदेश

भाग VIII में अनुच्छेद 239 से 242 तक केंद्र शासित प्रदेशों को समर्पित किया गया है।

भाग IX: पंचायतें

भाग IX, जो अनुच्छेद 243 से 243O तक है, पंचायतों की संरचना और संगठन को संबोधित करता है।

भाग IXA: नगरपालिकाएं

भाग IXA, जो अनुच्छेद 243P से 243ZG तक है, नगरपालिकाओं पर चर्चा करता है।

भाग IXB: सहकारी समितियां

इस खंड में अनुच्छेद 243ZH शामिल है और यह सहकारी समितियों से संबंधित है।

भाग X: अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र

भाग X, जिसमें अनुच्छेद 244 और 244A शामिल हैं, अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन पर चर्चा करता है।

भाग XI: संघ और राज्यों के बीच संबंध

भाग XI, जो अनुच्छेद 245 से 263 तक है, संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण का विवरण प्रदान करता है।

भाग XII: वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद

भाग XII वित्तीय मामलों से संबंधित है और इसमें अनुच्छेद 264 से 300A शामिल हैं।

भाग XIII: भारत के क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और संपर्क

भाग XIII में अनुच्छेद 301 से 307 तक भारत के क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और संपर्क पर चर्चा की गई है।

भाग XIV: संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं

भाग XIV, जिसमें अनुच्छेद 308 से 323 तक हैं, संघ और राज्यों के अधीन सेवाओं से संबंधित है।

भाग XIVA: न्यायाधिकरण

भाग XIVA न्यायाधिकरणों से संबंधित है और इसमें अनुच्छेद 323A और 323B शामिल हैं।

भाग XV: चुनाव

भाग XV, जो अनुच्छेद 324 से 329 तक है, चुनावों पर चर्चा करता है।

भाग XVI: कुछ विशेष वर्गों से संबंधित विशेष प्रावधान

भाग XVI में अनुच्छेद 330 से 342 शामिल हैं, जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए विधानसभाओं में विशेष प्रावधान प्रदान करते हैं।

भाग XVII: राजभाषा

भाग XVII में अनुच्छेद 343 से 351 तक भारत की राजभाषाओं पर चर्चा की गई है।

भाग XVIII: आपातकालीन प्रावधान

इस भाग में अनुच्छेद 352 से 360 शामिल हैं, जो आपातकालीन प्रावधानों पर चर्चा करते हैं।

भाग XIX: विविध

भाग XIX में अनुच्छेद 361 से 367 तक विविध प्रावधान शामिल हैं।

भाग XX: संविधान का संशोधन

भाग XX में अनुच्छेद 368 से 378 तक संविधान में संशोधन की प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई है।

भाग XXI: अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान

भाग XXI में अनुच्छेद 379 से 392 शामिल हैं, जो अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधानों से संबंधित हैं।

भाग XXII: संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में आधिकारिक पाठ और निरसन

अंतिम भाग, भाग XXII, में अनुच्छेद 393 और 394 शामिल हैं, जो हिंदी में संविधान के आधिकारिक पाठ, संक्षिप्त नाम और कुछ कानूनों के निरसन को निर्दिष्ट करते हैं।

भारतीय संविधान की अनुसूचियां (Schedules of the Indian Constitution)

भारतीय संविधान में कुल 12 अनुसूचियां हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है:

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पहली अनुसूची (1st Schedule)

भारतीय संविधान की पहली अनुसूची में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख है। उदाहरण के लिए, वर्तमान में इसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश सूचीबद्ध हैं।
किसी भी नए राज्य का उल्लेख या केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण करने के लिए पहली अनुसूची में संशोधन करना आवश्यक है।
संविधान के 69वें संशोधन द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Territory) घोषित किया गया था।

दूसरी अनुसूची (2nd Schedule)

दूसरी अनुसूची में राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, राज्यसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, विधान सभा अध्यक्ष, और उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते और पेंशन का उल्लेख किया गया है।
इसके अलावा इसमें सीएजी (Comptroller and Auditor General) के वेतन और भत्तों का भी विवरण दिया गया है।
संक्षेप में, दूसरी अनुसूची विभिन्न अधिकारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन से संबंधित है।

तीसरी अनुसूची (3rd Schedule)

तीसरी अनुसूची में विभिन्न अधिकारियों द्वारा शपथ लेने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
इसमें मंत्रियों, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों आदि के शपथ ग्रहण का प्रावधान किया गया है।
संक्षेप में, तीसरी अनुसूची शपथ से संबंधित है।

चौथी अनुसूची (4th Schedule)

भारतीय संविधान की चौथी अनुसूची में राज्यसभा की सीटों का राज्यों से आवंटन किया गया है।
यह अनुसूची बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें यह तय किया जाता है कि किस राज्य से राज्यसभा में कितनी सीटें होंगी।

पांचवीं अनुसूची (5th Schedule)

पांचवीं अनुसूची में विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण का प्रावधान किया गया है।
ये क्षेत्र भारत के कई राज्यों में फैले हुए हैं, और उनके प्रशासन से जुड़ी जानकारी पांचवीं अनुसूची में दी गई है।

छठी अनुसूची (6th Schedule)

भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में प्रावधान किए गए हैं।
यह अनुसूची भी महत्वपूर्ण है। इसे याद रखने के लिए आप ATMM (Assam, Tripura, Meghalaya, Mizoram) का उपयोग कर सकते हैं।

सातवीं अनुसूची (7th Schedule)

सातवीं अनुसूची में केंद्र और राज्यों के बीच विभिन्न शक्तियों के वितरण की जानकारी दी गई है।
यह अनुसूची बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें तीन सूचियों का प्रावधान किया गया है, जो इस प्रकार हैं:

  • संघ सूची (Union List)
  • राज्य सूची (State List)
  • समवर्ती सूची (Concurrent List)

आठवीं अनुसूची (8th Schedule)

संविधान की सबसे महत्वपूर्ण अनुसूचियों में से एक आठवीं अनुसूची है।
यहाँ पर भाषाओं का उल्लेख किया गया है।
वर्तमान में आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएं शामिल हैं।
जब संविधान लागू हुआ था, तब आठवीं अनुसूची में केवल 14 भाषाएं शामिल थीं, लेकिन अब इसमें 22 भाषाएं हैं।

नौवीं अनुसूची (9th Schedule)

भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची को पहले संवैधानिक संशोधन (1951) द्वारा जोड़ा गया था।
इस अनुसूची के अंतर्गत संपत्ति अधिग्रहण (Acquisition of Property) का प्रावधान किया गया है।
विशेष बात यह है कि नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती
वर्तमान में इस अनुसूची में लगभग 284 अधिनियम शामिल हैं।

दसवीं अनुसूची (10th Schedule)

भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची को 52वें संवैधानिक संशोधन (1985) द्वारा जोड़ा गया था।
इसमें दल बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) के प्रावधान शामिल हैं।

ग्यारहवीं अनुसूची (11th Schedule)

ग्यारहवीं अनुसूची को 73वें संवैधानिक संशोधन (1992) द्वारा जोड़ा गया था, जो 1993 में लागू हुआ।
इस अनुसूची में पंचायती राज का उल्लेख है।
वर्तमान में ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायती राज से संबंधित 29 विषय शामिल हैं।

बारहवीं अनुसूची (12th Schedule)

बारहवीं अनुसूची को 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) द्वारा जोड़ा गया था।
इस अनुसूची में स्थानीय सरकार यानी शहरी क्षेत्रों की नगरपालिकाओं का उल्लेख है।
वर्तमान में बारहवीं अनुसूची में नगरपालिकाओं से संबंधित 18 विषय शामिल हैं।

भारत के संविधान को “उधार का थैला” क्यों कहा जाता है?

भारतीय संविधान को अक्सर “उधार का थैला” (Borrowed Bag) कहा जाता है क्योंकि इसके निर्माण में विभिन्न देशों के संविधानों से अच्छी विशेषताएं उधार ली गईं। संविधान निर्माता यह समझते थे कि भारत जैसे विविधता से भरे देश के लिए एक ऐसा संविधान तैयार करना होगा जो आधुनिक लोकतंत्र की जरूरतों को पूरा कर सके।

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इसलिए, उन्होंने दुनिया के अलग-अलग संविधानों का अध्ययन करके भारत के लिए सबसे उपयुक्त प्रावधानों को चुना और उन्हें संविधान में शामिल किया। यह भारत के संविधान की लचीलापन और बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

नीचे उन देशों के संविधानों और उनकी उधार ली गई विशेषताओं की सूची दी गई है:


संविधानउधार ली गई विशेषताएँ
ब्रिटिश संविधान– संसदीय प्रणाली (Parliamentary System)
– राज्य के संवैधानिक प्रमुख (Constitutional Head of State)
– संसद का निचला सदन उच्च सदन से अधिक शक्तिशाली होता है
– मंत्रिपरिषद का संसद के प्रति उत्तरदायित्व
– कानून के शासन की व्यापकता (Rule of Law)
अमेरिकी संविधान (US)– प्रस्तावना (Preamble)
– मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
– उपराष्ट्रपति के कार्य (Role of Vice President)
– संविधान में संशोधन की प्रक्रिया
– सर्वोच्च न्यायालय की प्रकृति एवं कार्य (Supreme Court)
– न्यायपालिका की स्वतंत्रता
ऑस्ट्रेलियाई संविधान– समवर्ती शक्तियों की सूची (Concurrent List)
– केंद्र और राज्यों के बीच गतिरोध को हल करने की प्रक्रिया
आयरिश संविधान– राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy)
– राज्यसभा में सदस्यों के नामांकन की विधि
जर्मनी का वाइमर संविधान– राष्ट्रपति की शक्तियाँ (Emergency Powers of the President)
कैनेडियन संविधान– एक सशक्त राष्ट्र के प्रावधान
– भारत संघ का नाम (Union of India)
– अवशिष्ट शक्तियों को निहित करना (Residual Powers)
दक्षिण अफ्रीकी संविधान– संशोधन की प्रक्रिया (Two-thirds majority in Parliament for amendments)
– राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर
Why is the Constitution of India called a “Bag of Borrowed”?

भारतीय संविधान को विभिन्न देशों के संविधानों से उधार लेने की आवश्यकता क्यों हुई?

  • भारत एक बहुभाषी, बहुधर्मी और सांस्कृतिक रूप से विविध देश है।
  • संविधान निर्माताओं का लक्ष्य था कि भारत में लोकतंत्र को मजबूत किया जाए और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो।
  • इसलिए उन्होंने उन देशों के संविधानों से विशेषताएं चुनीं जो लोकतंत्र, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और संघीय ढांचे को सफलतापूर्वक लागू कर चुके थे।

निष्कर्ष

भारतीय संविधान में विभिन्न देशों से ली गई विशेषताएं इसे व्यापक, लचीला और मजबूत बनाती हैं।
“उधार का थैला” कहे जाने के बावजूद, भारतीय संविधान को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह भारत की जरूरतों और परिस्थितियों के लिए सबसे उपयुक्त हो।
इसमें केवल उधार ली गई बातें नहीं हैं, बल्कि कई ऐसे प्रावधान भी हैं जो भारतीय समाज की विविधता को दर्शाते हैं और हमारे देश को संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में मजबूत करते हैं।


FAQs

1. भारतीय संविधान को “उधार की थैली” क्यों कहा जाता है?

भारतीय संविधान को “उधार की थैली” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें विभिन्न देशों के संविधानों से प्रावधान उधार लिए गए हैं। इनमें ब्रिटिश संविधान से संसदीय प्रणाली, अमेरिकी संविधान से मौलिक अधिकार, आयरिश संविधान से राज्य के नीति निदेशक तत्व, और कनाडाई संविधान से संघीय प्रणाली शामिल हैं। हालाँकि, इन प्रावधानों को भारतीय संदर्भों के अनुरूप संशोधित और अनुकूलित किया गया है।

2. भारतीय संविधान को “वकीलों का स्वर्ग” क्यों कहा जाता है?

“वकीलों का स्वर्ग” यह विशेषण संविधान की जटिल भाषा और विधिक प्रकृति के कारण दिया गया है। इसमें विस्तृत प्रावधानों और कानूनी परिभाषाओं का समावेश है, जिससे इसे समझना और व्याख्या करना जटिल हो जाता है। यह टिप्पणी ब्रिटिश विधिवेत्ता सर विलियम आइवर जेनिंग्स द्वारा की गई थी।

3. भारतीय संविधान ने किन देशों से प्रावधान उधार लिए हैं?

भारतीय संविधान ने निम्नलिखित देशों के संविधानों से विशेषताएँ अपनाई हैं:
ब्रिटेन: संसदीय प्रणाली, कानून का शासन, विधि निर्माण की प्रक्रिया।
अमेरिका: मौलिक अधिकार, स्वतंत्र न्यायपालिका, राष्ट्रपति के लिए महाभियोग प्रक्रिया।
आयरलैंड: राज्य के नीति निदेशक तत्व, राष्ट्रपति की नामांकन प्रक्रिया।
कनाडा: केंद्र-राज्य संबंध, अवशिष्ट शक्तियाँ।
ऑस्ट्रेलिया: समवर्ती सूची, व्यापार, वाणिज्य और अंतर्राज्यीय संबंध।
जर्मनी: आपातकालीन प्रावधान।

4. संविधान में हिंदी का क्या दर्जा है?

संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी को संघ की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है। इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। साथ ही, संविधान ने अंग्रेजी को भी सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में 15 वर्षों तक उपयोग करने की अनुमति दी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया।

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5. भारतीय संविधान को “कठोर और लचीला” क्यों कहा जाता है?

भारतीय संविधान को “कठोर और लचीला” दोनों कहा जाता है क्योंकि:
कठोर: संविधान में संशोधन की प्रक्रिया जटिल है और कुछ प्रावधानों के लिए केंद्र और राज्यों दोनों की सहमति आवश्यक है।
लचीला: कई प्रावधानों को संसद के साधारण बहुमत से बदला जा सकता है।

6. अनुच्छेद 29 का क्या महत्व है?

अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा करता है। यह भारत के सभी नागरिकों को उनकी भाषा, लिपि और संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार प्रदान करता है।

7. भारतीय संविधान का सबसे लंबा अनुच्छेद कौन सा है?

संविधान का सबसे लंबा अनुच्छेद अनुच्छेद 243 है, जो पंचायतों और नगरपालिकाओं से संबंधित है।

8. भारतीय संविधान में कुल कितने अनुच्छेद और अनुसूचियाँ हैं?

भारतीय संविधान में मूल रूप से 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान में, संशोधन के बाद इसमें 470 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं।

9. संविधान सभा का गठन कब हुआ?

संविधान सभा का गठन दिसंबर 1946 में हुआ और इसने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया।

10. भारतीय संविधान कब लागू हुआ?

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस दिन को “गणतंत्र दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

11. संविधान की प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा क्यों माना जाता है?

1960 के केस केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना संविधान का अभिन्न हिस्सा है क्योंकि यह संविधान की मूल आत्मा और उद्देश्यों को व्यक्त करती है।

12. संविधान में आपातकालीन प्रावधान किससे प्रेरित हैं?

भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधान जर्मन संविधान से प्रेरित हैं। इसमें राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल, और वित्तीय आपातकाल शामिल हैं।

13. मूल अधिकार और राज्य के नीति निदेशक तत्वों में क्या अंतर है?

मूल अधिकार: ये नागरिकों को न्यायिक सुरक्षा प्रदान करते हैं और इन्हें अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
राज्य के नीति निदेशक तत्व: ये राज्य को दिशानिर्देश प्रदान करते हैं और इन्हें न्यायालय में लागू नहीं किया जा सकता।

14. भारतीय संविधान का उद्देश्य क्या है?

भारतीय संविधान का उद्देश्य देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और बंधुता की स्थापना करना है।

15. संविधान के निर्माण में कितना समय और धन लगा?

भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे। इसकी कुल लागत लगभग 64 लाख रुपये थी।

16. 12वीं अनुसूची में क्या है?

भारतीय संविधान में 12वीं अनुसूची में नगर निकायों से संबंधित प्रावधान हैं। इसे 1992 के 74वें संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था। इसमें नगरपालिकाओं की शक्तियाँ, अधिकार और जिम्मेदारियाँ शामिल हैं। इस अधिनियम ने भारत में नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

17. राज्य सूची में 2025 में कितने विषय हैं?

राज्य सूची में कुल 61 विषय शामिल हैं। पहले इसमें 66 विषय थे। राज्य सूची के विषय स्थानीय और राज्य हित में हैं।

18. आर्टिकल 248 क्या है?

अनुच्छेद 248 संसद को समवर्ती सूची या राज्य सूची में सूचीबद्ध न किए गए किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने की अवशिष्ट शक्ति प्रदान करता है।

19. संविधान में कुल कितने भाग और कितने अनुच्छेद हैं?

भारतीय संविधान में 25 भाग और 470 अनुच्छेद हैं। पहले इसमें 22 भाग और 395 अनुच्छेद थे।

20. संविधान का भाग 2 में क्या है?

भाग 2 में नागरिकता के विषय में प्रावधान हैं। इसमें बताया गया है कि भारतीय नागरिक कहलाने का अधिकार किन लोगों के पास है।

21. भारतीय संविधान में कितने भाग हैं?

भारतीय संविधान में अब 25 भाग हैं, जिनमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 5 परिशिष्ट हैं।

22. भाग 17 में क्या है?

भाग 17 में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।

23. संविधान में 22 भाषाएँ कौन-कौन सी हैं?

संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं: असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली।

24. 307 धारा कब लगती है?

धारा 307 के तहत पुलिस तभी केस दर्ज करती है जब आरोपी ने किसी की हत्या का प्रयास किया हो। आरोपी की मंशा सिद्ध होने पर यह धारा लागू होती है।

25. भारतीय संविधान के 3 नए कानून क्या नए कानून का नाम क्या हैं?

संसद ने तीन नए आपराधिक कानून पारित किए हैं:
भारतीय न्याय संहिता (BNS)
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)

भारतीय गृह मंत्रालय ने 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू किए:
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
भारतीय न्याय संहिता, 2023
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023

26. 1992 में आठवीं अनुसूची में कौन सी भाषा जोड़ी गई थी?

1992 में 71वें संशोधन द्वारा कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाएँ जोड़ी गईं।

27. संविधान की धारा 395 क्या है?

धारा 395 के तहत डकैती के लिए आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक कठोर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

28. अनुच्छेद 368 में क्या कहा गया है?

अनुच्छेद 368 में संसद को संविधान के प्रावधानों को जोड़ने, बदलने, या निरस्त करने की असीमित शक्ति दी गई है।

29. संविधान के रचयिता कौन थे?

भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं।

30. संविधान कहाँ लिखा गया था?

भारतीय संविधान को दिल्ली के प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखा था।

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