राजस्थान में वर्तमान में 41 जिले हैं (2025)। एकीकरण के समय 1956 में 26 जिले थे, जो धीरे-धीरे बढ़कर 2023 में 8 नए जिले जोड़े जाने से 41 हो गए। इनमें बालोतरा, डीग, फलोदी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, सलूम्बर और डीडवाना-कुचामन शामिल हैं।
राजस्थान के जिले
राजस्थान ने अपने वर्तमान स्वरूप को 1 नवम्बर 1956 को प्राप्त किया, जिसे राज्य का एकीकरण कहा जाता है। इस अवधि में कुल 26 जिले अस्तित्व में थे।
- अजमेर को 1 नवम्बर 1956 को शामिल करते हुए यह 26वां जिला बना।
- धौलपुर को 15 अप्रैल 1982 को भरतपुर से पृथक कर नया जिला घोषित किया गया।
- बांरा को 10 अप्रैल 1991 को कोटा से अलग कर प्रशासनिक इकाई के रूप में स्थापित किया गया।
- दौसा को भी 10 अप्रैल 1991 को जयपुर से पृथक करते हुए स्वतंत्र जिला का दर्जा दिया गया।
- राजसमंद को 10 अप्रैल 1991 को उदयपुर से विभाजित कर नई प्रशासनिक इकाई के रूप में जोड़ा गया।
- हनुमानगढ़ को 12 जुलाई 1994 को श्रीगंगानगर से अलग कर नवगठित जिला बनाया गया।
- करौली को 19 जुलाई 1997 को सवाई माधोपुर से पृथक कर नवीन जिला के रूप में स्थापित किया गया।
- प्रतापगढ़ को 26 जनवरी 2008 को तीन अलग-अलग जिलों से क्षेत्र लेकर गठित किया गया।
- प्रतापगढ़ जिले का गठन परमेशचंद समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया और इसने अपना कार्य 1 अप्रैल 2008 से आरंभ किया।
राजस्थान में नवीन जिलों के निर्माण हेतु गठित प्रमुख समितियाँ
- जी. एस. संधू समिति (2011) – गठन काल में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे।
- परमेशचंद्र समिति (2014–18) – यह समिति मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में कार्यरत रही।
- रामलुभाया समिति (मार्च 2022) – इस समिति का गठन भी अशोक गहलोत सरकार द्वारा किया गया।
- ललित के. पंवार समिति (29 जून 2024 – 31 अगस्त 2024) – इस समिति का गठन भजनलाल शर्मा सरकार के शासन में किया गया।

21 मार्च 2022 को प्रदेश में नवीन जिलों की आवश्यकता का मूल्यांकन करने हेतु सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री रामलुभाया की अध्यक्षता में ‘रामलुभाया समिति’ का गठन किया गया। इस समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य में 17 नए जिले तथा 3 नए संभाग बनाए जाने का निर्णय लिया। इसी क्रम में राजस्व विभाग द्वारा 5 अगस्त 2023 को एक अधिसूचना जारी कर इन जिलों और संभागों का औपचारिक गठन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप जिलों की कुल संख्या बढ़कर 50 हो गई थी।
पूर्व सरकार के इस प्रशासनिक निर्णय की पुनर्समीक्षा के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा एक मंत्रिमण्डलीय उप-समिति के गठन के साथ-साथ सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. ललित के. पंवार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित की गई। समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों के आधार पर नवगठित जिलों में से 9 जिलों तथा 3 नवसृजित संभागों को रद्द कर दिया गया।
28 दिसम्बर 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गठित जिलों और संभागों का पुनः निर्धारण किया गया, जिसके बाद अब राज्य में कुल 7 संभाग और 41 जिले शेष रह गए हैं।
नवगठित जिले (राजस्थान, 2025)
बालोतरा
बाड़मेर जिले के पुनर्गठन के माध्यम से बालोतरा को नवगठित जिला घोषित किया गया, जिसका मुख्यालय बालोतरा ही रहेगा। इस जिले में 7 तहसील — पचपदरा, कल्याणपुर, सिवाना, समदड़ी, बायतु, गिड़ा, एवं सिणधरी सम्मिलित हैं। वर्तमान में बालोतरा को तहसील के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, यह स्थिति अधिकारिक मानचित्र व प्राप्त सूचनाओं पर आधारित है।
डीडवाना–कुचामन
नागौर जिले को विभाजित कर डीडवाना–कुचामन को नया जिला बनाया गया। जब तक मिनी सचिवालय भवन पूर्ण नहीं होता, तब तक मुख्यालय अस्थाई रूप से डीडवाना रहेगा। जिले के अंतर्गत 8 तहसील हैं: डीडवाना, मौलासर, छोटी खाटू, लाडनूं, परबतसर, मकराना, नावां, तथा कुचामनसिटी।
डीग
भरतपुर जिले के पुनर्गठन के पश्चात डीग को स्वतंत्र जिला के रूप में मान्यता दी गई, जिसका मुख्यालय डीग ही होगा। इसमें कुल 9 तहसील शामिल हैं: डीग, जनूथर, कुम्हेर, रारह, नगर, सीकरी, कामां, जुरहरा, एवं पहाड़ी।
फलोदी
जोधपुर जिले के क्षेत्रीय विभाजन से फलोदी को नया जिला बनाया गया, जिसका मुख्यालय फलोदी रहेगा। इस जिले में 8 तहसील सम्मिलित की गई हैं: फलोदी, लोहावट, आऊ, देचू, सेतरावा, बाप, घंटियाली, तथा बापिणी।
कोटपूतली–बहरोड़
जयपुर एवं अलवर जिलों के संयुक्त पुनर्गठन के आधार पर कोटपूतली–बहरोड़ को स्वतंत्र जिला घोषित किया गया। इसका मुख्यालय कोटपूतली–बहरोड़ रहेगा। जिले में 8 तहसील हैं: बहरोड़, बानसूर, नीमराना, मांढण, नारायणपुर, कोटपूतली, विराटनगर, एवं पावटा। इनमें से कोटपूतली, विराटनगर, तथा पावटा को जयपुर से, और शेष को अलवर से जोड़ा गया है।
खैरथल–तिजारा
अलवर जिले के पुनर्गठन से खैरथल–तिजारा को स्वतंत्र जिला बनाया गया, जिसका मुख्यालय खैरथल निर्धारित किया गया है। इसमें कुल 7 तहसील सम्मिलित हैं: तिजारा, किशनगढ़बास, खैरथल, कोटकासिम, हरसोली, टपूकड़ा, एवं मुंडावर।
ब्यावर
अजमेर, पाली, तथा भीलवाड़ा जिलों के हिस्सों को पुनर्गठित कर ब्यावर को जिला घोषित किया गया। इसका मुख्यालय ब्यावर होगा। जिले में 7 तहसील हैं: ब्यावर, टाटगढ़, जैतारण, रायपुर, मसूदा, विजयनगर, एवं बदनोर। इनमें जैतारण व रायपुर को पाली, ब्यावर, टाटगढ़, मसूदा व विजयनगर को अजमेर, तथा बदनोर को भीलवाड़ा से जोड़ा गया है।
सलूम्बर
उदयपुर जिले से विभाजित कर सलूम्बर को नवीन जिला घोषित किया गया है, जिसका मुख्यालय सलूम्बर होगा। इसमें कुल 5 तहसील सम्मिलित की गई हैं: सराड़ा, सेमारी, लसाड़िया, सलूम्बर, एवं झल्लारा।
राजस्थान जिलों से संबंधित प्रमुख तथ्य (2025 अपडेटेड)
ऐतिहासिक-सांस्कृतिक जानकारी
- प्रतापगढ़ को प्राचीन काल में कांठल एवं देवला/देवलीया के नाम से जाना जाता था।
- कांठल का ताजमहल कहा जाता है — काका साहब की दरगाह को।
- कांठल की गंगा — माही नदी को माना जाता है।
राजस्थान का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला (2025)
| विशेषता | जिला | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
|---|---|---|
| सबसे बड़ा जिला | जैसलमेर | 38,401 |
| भारत का सबसे बड़ा जिला | कच्छ (गुजरात) | 45,612 |
| भारत का दूसरा सबसे बड़ा जिला | लेह (लद्दाख) | 45,110 (लगभग) |
| राजस्थान का सबसे छोटा जिला (2025) | खैरथल–तिजारा | 1,663 (नया) |
नोट: पहले दौसा (3,432 किमी²) सबसे छोटा था, लेकिन 2023 में बनाए गए खैरथल-तिजारा ने यह स्थान ले लिया।
राजस्थान के कुछ प्रमुख जिलों की आकृति (2025 तक विस्तारित)
| जिला | आकृति/आकार की उपमा |
|---|---|
| जैसलमेर | अनियमित बहुभुज |
| दौसा | धनुषाकार |
| चित्तौड़गढ़ | घोड़े की नाल सदृश्य |
| बाड़मेर | ऊँट सदृश आकृति |
| श्रीगंगानगर | त्रिकोणीय आकृति |
| टोंक | पतंग की तरह |
| कोटा | चौकोर/आयताकार |
| अजमेर | अष्टकोणीय/केन्द्रिय स्थल वाला |
| अलवर | हृदय की आकृति जैसी |
| भरतपुर | उल्टी बूँद की आकृति |
राजस्थान के जिलों का क्षेत्रफल (Top 10 सबसे बड़े जिले)
| क्रम | जिला | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
|---|---|---|
| 1 | जैसलमेर | 38,401 |
| 2 | बाड़मेर | 28,387 |
| 3 | बीकानेर | 27,244 |
| 4 | जोधपुर | 22,850 |
| 5 | उदयपुर | 17,279 |
| 6 | नागौर | 17,718 |
| 7 | झालावाड़ | 6,928 |
| 8 | पाली | 12,387 |
| 9 | श्रीगंगानगर | 11,154 |
| 10 | चित्तौड़गढ़ | 10,856 |
2023 में गठित कई नए जिलों (जैसे ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन आदि) का क्षेत्रफल अभी सीमित उपलब्धता के कारण सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं है।
